Mayank Singh Gariya; Olympic gold quest:- उत्तराखंड में खेल को लेकर काफी रुझान देखा जाता है। यहां के युवा खेल के क्षेत्र में अतुल्य सफलताएं हासिल कर रहे हैं। एक के बाद एक कई ऐसी खबरें सामने आती हैं, जहां युवा उत्तराखंड राज्य का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कायम करते हैं। एक ओर जहां युवा खेल के मैदान में प्रतिभाग कर कमाल दिखा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ आज के युवा प्रशिक्षण के क्षेत्र में भी अपना हाथ आजमाने लगे हैं। राज्य में हल्द्वानी शहर से एक ऐसे युवा की कहानी हम आपके हमने लेकर आए हैं जिन्होंने प्रशिक्षण के क्षेत्र में अतुलनीय कार्य कर दिखाया है। उत्तराखंड हल्द्वानी शहर निवासी मयंक सिंह गढ़िया का चयन ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट स्कीम के तहत नेशनल सेंटर ऑफ़ स्पोर्ट्स एक्सीलेंस में हुआ है।
मूल रूप से मयंक बागेश्वर जिले के रहने वाले हैं। मयंक के पिता पूरन सिंह गढ़िया जूनियर कमिश्नर अधिकारी के पद से रिटायर हए हैं। माता कलावती देवी एक कुशल गृहिणी हैं। मयंक इससे पहले हल्द्वानी शहर में ही खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देते थे। पिछले कुछ वक्त से वह बेंगलुरु में रह रहे थे। बेंगलुरु में मयंक न केवल स्वयं की ट्रेनिंग पूरी कर रहे थे बल्कि वहीं रहकर युवाओं को कोचिंग भी कराते थे।
ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट में अपने सिलेक्शन को लेकर मयंक ने बताया कि पांच राउंड के इंटरव्यू को पार करने के बाद उनका चयन नेशनल सेंटर ऑफ स्पोर्ट्स एक्सीलेंस में हुआ था। उनके साथ एक और ट्रेनर चयनित हुआ है। उन्होंने बताया कि वह अब ओलंपिक के खिलाड़ी जैसे कि बॉक्सर्स और पहलवानों को फिटनेस ट्रेनिंग कराएंगे।