हल्द्वानी: बारिश के बाद हल्द्वानी में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए थे। शनिवार की बारिश के रूकने के बाद हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश और मेयर जोगिंदर पाल सिंह रौतेला आमने सामने आ गए हैं। विधायक ने हल्द्वानी में जलभराव के लिए नगर निगम को जिम्मेदार बताया था और अन्य गंभीर आरोप लगाए थे। वहीं मेयर ने विधायक के आरोप का जवाब दिया है लेकिन उसके कुछ ही देर बाद विधायक ने भी पलटवार किया है।
मेयर जोगिंदर रौतेला ने कहा कि शहर में जलभराव का बड़ा कारण अतिक्रमण है और खुद कांग्रेस विधायक नहर को पाट कर उसके ऊपर पार्क बनाकर अतिक्रमण कर रहे हैं, यदि उन्हें नगर निगम को आइना दिखाना है तो सबसे पहले अपने खुद के अतिक्रमण को तोड़े नहीं तो नगर निगम कार्रवाई करेगा। मेयर ने कहा कि नगर निगम ने पहले ही अतिक्रमण तोड़ने के लिए समय दिया हुआ है।
हल्द्वानी में भरी जलभराव के बाद मैहर जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला नगर निगम की टीम के साथ शहर के विभिन्न इलाकों में निरीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने नगर निगम के मुखानी क्षेत्र का अधिकारियों के साथ निरीक्षण करते हुए जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए व्यापक योजना पर काम करने के निर्देश दिए। इस दौरान कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश द्वारा नगर निगम की योजनाओं को फाइलों में डंप करने और शहर में जलभराव के लिए नगर निगम को जिम्मेदार ठहराए जाने के बयान पर बीजेपी मेयर जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला ने विधायक सुमित हृदयेश के आरोपों का जवाब दिया।
इसके कुछ ही देर बाद इन आरोपों का जवाब विधायक हल्द्वानी ने दिया। उन्होंने कहा कि मेयर द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं। उनकी एक-एक इंच जमीन फ्रीहोल्ड है किसी प्रकार का कोई अतिक्रमण नहीं है और जब आज के मेयर पार्षद हुआ करते थे उस समय जमीन फ्री होल्ड हुई है विधायक सुमित हृदयेश ने कहा कि हो सकता है। मेयर पुरानी बातों को भूल गए हो लिहाजा उनकी सहानुभूति मेयर के साथ है। उन्होंने कहा कि शहर के विकास के लिए लाखों रुपए तो खर्च हुए लेकिन विकास दिखा नहीं, यानी कागजों में ही विकास हुआ है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हल्द्वानी में गड्ढे करने की अनुमति तो नगर निगम ने निजी कंपनी को दी लेकिन उसे भरा नहीं गया। उन्होंने कहा कि शहर का ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से फेल हो गया और पहली बारिश ने ही नगर निगम की पोल खोल दी।