हरिद्वार: बंटवारे को लेकर अपनी दादी को मौत के घाट उतारने वाले पोते को अब कोर्ट द्वारा दस साल कैद की सजा सुनाई गई है। साथ ही उसपर दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। हरिद्वार के सिडकुल थाना क्षेत्र का यह मामला अब से पांच साल पुराना है। साल 2018 के इस मामले में सारे साक्ष्य जान लेने के बाद प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार ने आरोपित को सजा सुनाई है।
इस मामले में शासकीय अधिवक्ता सुकरमपाल सिंह ने जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि सिडकुल थाना क्षेत्र के गांव रावली महदूद निवासी संजय सिंह, उसके छोटे भाई धर्म सिंह व बड़े भाई राजबीर सिंह, उसकी पत्नी नरेशो, तीन पुत्र अमित, अमन उर्फ नाथीराम और सौरभ के बीच पारिवारिक बंटवारे के संबंध में गाली गलौज औक हाथापाई हुई थी।
22 मई 2018 की दोपहर में उक्त घटना हुई और उसी शाम को छह बजे करीब दोबारा मारपीट शुरू हो गई। ऐसे में बुजुर्ग परमी देवी बीच बचाव के लिए उतरी तो आरोपित अमन उर्फ नाथीराम व उसके छोटे नाबालिग भाई ने महिला के साथ भी मारपीट की। इतना ही नहीं बल्कि लात-घूसों से मारकर उसे छत से नीचे गिरा दिया। गंभीर हालत में सरकारी अस्पताल ले जाने के बाद उपचार तो हुआ।
लेकिन इलाज के बाद भी महिला की मौत हो गई। दो दिन बाद सजंय सिंह ने अपने बड़े भाई आरोपित राजबीर सिंह, भाभी नरेशो, भतीजे अमित, अमन उर्फ नाथीराम व नाबालिग के खिलाफ गाली-गलौज, मारपीट व गैर इरादतन हत्या मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस द्वारा एक आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल किया गया। सुनवाई में आठ गवाह पेश हुए और सभी दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अमन उर्फ नाथीराम को सजा सुनाई।