देहरादून: सरकारी नौकरी हेतु संपन्न हुई परीक्षा में एक बार फिर गड़बड़ी का मामला सामने आया है। दरअसल वन दरोगा भर्ती परीक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि आयोग ने 332 सवालों को पाठ्यक्रम से बाहर मानते हुए परिणाम घोषित किया है। इसके बदले में अभ्यर्थियों को बोनस अंक दिए गए हैं। लेकिन अभ्यर्थियों का कहना है कि इसमें असमानता नजर आई है।
बता दें कि दिसंबर 2019 में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा वन दरोगा के 316 पदों पर भर्ती के लिए डेढ़ लाख आवेदन आए थे। 16 जुलाई से 25 जुलाई के बीच 18 पालियों में ऑनलाइन एग्जाम भी हो गया। जिसमें प्रतिदिन के हिसाब से 100 सवाल अभ्यर्थियों से पूछे गए। अब अचार संहिता लागू होने से पहले परीक्षा का रिजल्ट आया तो इसने सभी का ध्यान खींचा।
दरअसल आयोग ने को रिजल्ट जारी किया है उसमें 1800 में से 332 सवालों को सिलेबस से बाहर मान कर मूल्यांकन से हटा दिया गया है। इसके लिए सभी को बोनस अंक मिले हैं। लेकिन उम्मीदवारों का कहना है कि प्रश्न हटाने में असमानता है। उनका कहना है कि किसी पाली से 27 तो किसी से छह प्रश्न हटाए हैं। ऐसे में हाई कोर्ट में 10 याचिकाएं दायर हुईं।
जिस पर एचसी ने कहा कि उम्मीदवारों को एक हफ्ते के अंदर अपनी बात आयोग के सामने रखनी होगी। आयोग के सचिव को आठ हफ्ते के भीतर उचित फैसला लेने के निर्देश दिए। साथ ही तब तक उम्मीदवार को नियुक्ति प्रदान नहीं की जाए। वहीं छात्रों ने आंदोलन की धमकी भी दी है। बता दें कि इससे पहले भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था।
पहले उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने लोअर पीसीएस प्री परीक्षा का परिणाम जारी किया था। जिसमें 12 सवालों को मूल्यांकन से हटाते हुए बोनस अंक उम्मीदवारों को दिए गए थे। आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने बताया कि 1800 में से 332 सवालों को बाहर का माना गया है। जिसके बदले बोनस अंक दिए गए हैं। फिर भी सभी को शिकायत के आधार पर फैसला लिया जाएगा।