देहरादून: द्वाराहाट से भाजपा विधायक महेश नेगी अपने ऊपर सवाल लगातार खड़े करवा रहे हैं। वह दूसरी बार डीएनए टेस्ट के लिए कोर्ट नहीं पहुंचे। एक बार फिर उनकी ओर से तबीयत खराब होने की बात कही गई है। पिछले साल अगस्त के महीने में एक महिला ने विधायक पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था जिसके बाद पूरे राज्य में खलबली मच गई थी।
महिला ने दावा किया था कि विधायक ही उसकी पुत्री के जैविक पिता हैं। इसकी पुष्टि के लिए महिला अदालत से विधायक का डीएनए टेस्ट कराने की मांग कर रही थी। उस वक्त विधायक ने भी डीएनए टेस्ट के लिए तैयार होने का दावा किया था। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने विधायक का डीएनए टेस्ट कराने की अनुमति दी थी। डीएनए टेस्ट के लिए विधायक और उन पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला की पुत्री के खून के नमूने लिए जाने हैं लेकिन दोनों बार विधायक कोर्ट नहीं पहुंचे।
बता दें कि इससे पहले 18 दिसंबर को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) कोर्ट ने डीएनए सैंपल देने हेतु विधायक नेगी को 24 दिसंबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। उस वक्त विधायक नेगी ने स्वास्थ्य खराब होने की बात कही थी और कोर्ट से 15 दिन का वक्त मांगा था। इसके बाद 11 जनवरी को विधायक की पेशी होनी थी लेकिन वह स्टे हेतु हाईकोर्ट पहुंच गए।
महिला के अधिवक्ता एसपी सिंह ने कहा कि विधायक 12 बजे तक कोर्ट नहीं पहुंचे। उन्हें जानकारी मिली है कि मामले में स्टे ऑर्डर लेने के लिए विधायक ने हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया है। वहीं बचाव पक्ष के अधिवक्ता राजेंद्र भट्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने विधायक को 13 जनवरी तक स्टे दे दिया है। बुधवार को हाईकोर्ट में दोबारा सुनवाई होगी।
बता दें कि सीजेएम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 18 जनवरी को होगी। यदि हाईकोर्ट में 13 जनवरी को सुनवाई के बाद आगे स्टे मिलता है तो विधायक नेगी को राहत मिल सकती है। अगर कोर्ट स्टे नहीं देता है तो उन्हें 18 जनवरी को डीएनए सैंपल के लिए कोर्ट में पेश होना होगा।