Rajasthan

विधायक संयम लोढ़ा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बताया खिलाड़ी, अन्य राजनेता दे रहे हैं प्रतिक्रिया


नई दिल्ली: सिरोही से निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को खिलाड़ी बताते हुए कांग्रेस में उनके सामने कोई चुनौती नहीं होने की बात कहकर सचिन पायलट कैंप पर निशाना साधा है । लोढ़ा ने उन्हे एक ऐसा खिलाड़ी कहा जो दूसरो की कमज़ोरी का पता लगाता है । संयम लोढ़ा ने नाम लिए बिना इशारों में सियासी प्रहार किए है।

नई दिल्ली: सिरोही से निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को खिलाड़ी बताते हुए कांग्रेस में उनके सामने कोई चुनौती नहीं होने की बात कहकर सचिन पायलट कैंप पर निशाना साधा है । लोढ़ा ने उन्हे एक ऐसा खिलाड़ी कहा जो दूसरो की कमज़ोरी का पता लगाता है । संयम लोढ़ा ने नाम लिए बिना इशारो में सियासी प्रहार किए है।

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विधान सभा उपचुनाव के चलते कांग्रेस की खींचातान को लेकर संयम लोढ़ा ने ट्वीट कर लिखा कि “वो एक खिलाड़ी हैं और किसी के लिए भी मैदान खुला नहीं छोड़ते, सामने वाले की कमजोरी का पता रखना और गोल कहां से होगा इसकी अग्रिम तैयारी उनका स्वभाव है। खुद के दल में कोई चुनौती है ही नहीं, सामने वालों में ऐसी चौसर जमी है कि सेल्फ गोल पर आमदा दिखाई पड़ते हैं तीसरी शक्ति भी शरणागत है”।


राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर हमेशा ही अनबन बनी रहती है । बहुत से पार्टी नेताओं का कहना हैं कि युवाओं को सत्ता संभालने का मौका दिया जाना चाहिए यानी बहुत से नेता सचिन पायलट को इस पद पर देखना चाहते हैं, मगर हमेशा ही बड़ों को कमान देना कांग्रेस की नीति रही है। यह पार्टी को नुकसान भी पहुंचा रहा है। कई युवाओं की जिज्ञासा खत्म होने लगी है और वह पार्टी छोड़कर चले जाते हैं।

इसी के चलते संयम लोढ़ा के ट्वीट पर सचिन पायलट के समर्थकों ने पलटवार किया है। बीजेपी के पूर्व विधायक बंशीलाल खटीक ने संयम लोढ़ा पर तंज कसते हुए लिखा कि संयम जी धैर्य की परीक्षा मत लो सरकार । आगे रामनिवास डोई ने भी लिखा “निर्दलीयों को तो जयकारे लगाने ही पड़ते हैं यह तो इतिहास रहा है 2 वर्ष और लगा लो’ मनीष मीणा लिखते हैं – तभी तो 2003 और 2013 में भारी-भरकम सीटें आई थी 2023 में कसर निकल जाएगी । रमेश मीणा नाम के यूजर ने इत्तेफाक से प्रेमचंद जी की पुण्यतिथि पर प्रेमचंद को कोट करते हुए लिखा की चापलूसी जहर बन जाता है जब कान उसे अमृत समझ कर पी जाते हैं।

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