Chamoli Success Story: Piyush Pant NDA Selection:
उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों से यहाँ की वीरता और साहस की गाथाएं रोज़ सुनने को मिलती हैं। कारगिल के युद्ध से लेकर केदारनाथ की आपदा तक उत्तराखंड के सैनिक सेवा में सदैव तत्पर उपस्थित हैं। और यही जज़्बा, यही वीर रस से भरी कहानियां युवाओं को फौज में जाने के लिए प्रेरित करती आई हैं और हमेशा करती रहेंगी। आज एक और उत्तराखंड के सपूत की कहानी आपके सामने लेकर आए हैं। जिनका नाम है पीयूष पंत। कर्णप्रयाग चमोली के रहने वाले पीयूष का चयन NDA में हो गया है। यह एक शानदार उपलब्धि तो है ही साथ में इस सफलता तक पहुँचने का इनका सफर प्रदेश और देश के युवाओं के लिए प्रेरणा भी है।
तो आइए जानते हैं कि ऐसी क्या बात है पीयूष और उनकी मंज़िल तक के सफर की, जो इस उपलब्धि को और ज़्यादा प्रेरणादायक बनाती है। मूल रूप से राज्य के चमोली जिले के कर्णप्रयाग ब्लॉक के नौलीहड़कोटी गांव निवासी पीयूष पंत का NDA में चयन परिवार की विषम परिस्थितियों में हुआ है।
पीयूष की पारिवारिक स्थिति भले ही मज़बूत ना हो लेकिन उनके हौसलों की मज़बूती का मुकाबला फौलाद भी नहीं कर सकता। एक बहुत ही गरीब परिवार से आने वाले पीयूष ने बताया की उनकी माता बीना देवी एसजीआरआर कर्णप्रयाग में आया हैं। जिन्होंने 10 साल पहले पियूष के पिता के गुज़र जाने के बाद पूरे परिवार का पालन पोषण किया। यह सुनकर भी आँखें नम हो जाती हैं कि आज के समय में माता-पिता के मार्गदर्शन में भी कई लोग वह सफलता प्राप्त नहीं कर पाते जिसकी वे इच्छा करते हैं। पर बिना पिता के सहारे और माता की मजबूरी के बीच बड़े हुए पीयूष ने अपनी इस उपलब्धि से यह साबित कर दिया कि अगर अपने मन पर विजय प्राप्त कर ली जाए तो सितारे आसमान में नहीं बल्कि आपके कन्धों पर नज़र आते हैं।
फ़ौज की भर्ती के लिए तैयारी करने वाले युवाओं के लिए फ़ौज की वर्दी मिल जाना वह क्षण होता है जिसके बाद वो अपने जीवन को गर्व के साथ सफल बता सकें। और सोचिए एक गरीब परिवार से आने वाला, बिना पिता के सहारे, अपनी मेहनत से उस वर्दी को सितारों के साथ पाने वाले उत्तराखंड के उस सपूत ने अपने जीवन में आई किसी भी चुनौती के आगे घुटने नहीं टेके। और ऐसे ही वीरों की सही जगह भारत माँ की रक्षा के लिए ही है। इस उपलब्धि के लिए पियूष को हमारी भी हार्दिक शुभकामनाएं और आपकी जानकारी के लिए फिर बता दें की NDA का फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 9 जनवरी 2024 है।