Mount Litera Zee School Haldwani: रविवार, 2 मार्च को हल्द्वानी में माउंट लिटेरा ज़ी स्कूल का भव्य उद्घाटन किया गया। यह शुभारंभ स्थानीय विधायक बंशीधर भगत, महापौर गजराज बिष्ट, लालकुआं विधायक मोहन सिंह बिष्ट, पूर्व महापौर डॉ. जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह बिष्ट, तथा जिला उपाध्यक्ष, जिला पंचायत नैनीताल आनंद सिंह दर्मवाल की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ। यह स्कूल रामपुर रोड, हल्द्वानी स्थित अपने विशाल परिसर में शुरू किया गया है।
पहाड़ और शहर के बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर
इस स्कूल के खुलने से पहाड़ी क्षेत्रों से आने वाले विद्यार्थियों को बेहतर और प्रभावी शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। साथ ही, हल्द्वानी शहर के बच्चों को भी आधुनिक सुविधाओं और उच्च मानकों वाली शिक्षा मिलेगी। इस नए स्कूल के साथ हल्द्वानी भारत के महत्वपूर्ण शैक्षिक केंद्रों में अपनी पहचान स्थापित करेगा।
विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस स्कूल
माउंट लिटेरा ज़ी स्कूल का कैंपस अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें छात्रों के समग्र विकास के लिए खेल (इनडोर और आउटडोर), डिजिटल लर्निंग (आईडब्ल्यूबी), मनोरंजन सुविधाएँ, सुरक्षित परिवहन के लिए स्कूल बसें (जीपीएस ट्रैकिंग सहित) और वाई-फाई युक्त कैंपस शामिल हैं।
इसके अलावा, विद्यार्थियों की पढ़ाई को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए विभिन्न विषयों की प्रयोगशालाएँ स्थापित की गई हैं, जिनमें समग्र विज्ञान प्रयोगशाला, गणित प्रयोगशाला, भाषा प्रयोगशाला, कंप्यूटर लैब और एक समृद्ध पुस्तकालय शामिल हैं।
छात्रों के सर्वांगीण विकास पर विशेष ध्यान
विद्यालय का उद्देश्य न केवल शैक्षिक रूप से बल्कि बच्चों की प्रतिभा, कौशल और क्षमताओं को निखारने पर भी केंद्रित है। करीब 2 एकड़ में फैले इस कैंपस को रणनीतिक रूप से इस तरह विकसित किया गया है कि छात्र आसानी से यहाँ पहुँच सकें।
यह पर्यावरण के अनुकूल बुनियादी ढांचे से युक्त परिसर है, जहाँ जूनियर और सीनियर छात्रों के लिए विभिन्न खेल सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं। इसके साथ ही, एक उच्च गुणवत्ता वाला पुस्तकालय भी छात्रों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मौजूद है।
ज़ी लर्न लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारियों के विचार
उद्घाटन के मौके पर ज़ी लर्न लिमिटेड के वरिष्ठ प्रबंधक संचालन सभ्यसाची चटर्जी और अकादमिक निदेशक भूषण कुमार ने कहा,
“आज के दौर में शिक्षा को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाए रखने के लिए एक ऐसे शिक्षण संस्थान की आवश्यकता होती है, जो दूरदर्शी, समग्र विकास उन्मुख, वैचारिक रूप से मजबूत और स्थानीय समाज से सांस्कृतिक रूप से जुड़ा हो।”
यह स्कूल भारतीय शिक्षा प्रणाली को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
