Uttarakhand news: Poornagiri temple: उत्तराखंड का मां पूर्णागिरी मंदिर विश्व प्रसिद्ध हैं। यहां रोजाना हजारों श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं। ऐसा माना जाता है कि पूर्णागिरी मंदिर पर बच्चे का मुंडन कराने से बच्चा बुद्धिमान होता है और उसकी आयु भी बढ़ती है। इसलिए श्रद्धालु यहां पर अपने बच्चों का मुंडन कराने आते है। ऐसे में सभी तीर्थ यात्रियों के लिए मां पूर्णागिरी मंदिर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। पूर्णागिरि मंदिर मे बाल मुंडन को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मुंडन की दरों में कमी की गई है।
मुंडन की दर में 81 रुपए की कमी की
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद टनकपुर स्थित मां पूर्णागिरि मंदिर पर बाल मुंडन की दरों में कमी की गई है। मेला आयोजक संस्था जिला पंचायत चंपावत ने मुंडन की दर में 81 रुपए की कमी की है। इन दरो मे कमी के चलते अब श्रद्धालुओं को 332 रुपए के बजाए मात्र 251 रुपए मुंडन के लिए देने होंगे। इस साल मां पूर्णागिरी का मेला 26 मार्च से शुरू हो गया था जो 15 जून तक चलेगा। तो वहीं मंदिर में श्रद्धालुओं से बाल मुंडन के लिए 332 का शुल्क निर्धारित किया गया था। बाल मुंडन के ठेके से जिला पंचायत चंपावत को करीब डेढ करोड रुपए की आय होनी थी। जिसके चलते इस क्षेत्र के तमाम हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों ने नाराजगी जताई थी। इस नाराजगी को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पर संज्ञान लेते हुए 28 अप्रैल को बनबसा में मां पूर्णागिरि मेले की समीक्षा बैठक की। जिसमें मुंडन की दर को ज्यादा बताते हुए कम करने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला पंचायत ने मुंडन की दरों में संशोधन किया।
332 रुपए से कम कर 251 रुपए कर दी गई
जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी व मेला अधिकारी भगवत पाटनी ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद मुंडन की दर 332 रुपए से कम कर 251 रुपए कर दी गई है। उनका कहना है कि दर कम करने से जिला पंचायत को 33.54 लाख रुपये का नुकसान होगा। लेकिन नई दरों को ध्यान मे रखते हुए जिला पंचायत को बाल मुंडन के ठेके के निर्धारण में संशोधन करना होगा।