चमोली: मौजूदा दौर में हर चीज का आधुनिकीकरण हो रहा है। गांव और जंगलों का शहरीकरण किया जा रहा है। इस बदलाव में कुछ समस्याएं भी लगातार सामने आ रही हैं। उत्तराखंड के बहुत सारे शहर कूड़े की परेशानी से जूझ रहे हैं। लेकिन प्रदेश में एक ऐसी नगर पालिका (Uttarakhand Nagar Palika) भी है, जिसने ना सिर्फ इस समस्या का हल खोजा है बल्कि कूड़े से ही ये नगर पालिका मालामाल हो रही है।
दरअसल हम चमोली जनपद (Chamoli district) की कर्णप्रयाग नगर पालिका (Karnprayag Nagar Palika) की बात कर रहे हैं। कर्णप्रयाग नगर पालिका कूड़े से ही लाखों रुपए कमा रही है। बीते सालों में लगातार नगर पालिका ने कूड़ा बेचकर अच्छी आय का जरिया बनाया है। जिसके बाद कर्णप्रयाग नगर पालिका चर्चा का तो विषय है ही। साथ ही बाकी पालिकाओं के लिए भी उक्त पालिका एक बेहतरीन मिसाल (Great Example) पेश कर रही है।
बता दें कि कर्णप्रयाग नगर पालिका प्रतिदिन घरों से निकलने वाले कूड़े को इकठ्ठा कर जमा करती है। पालिका ने इसका जिम्मा 11 पर्यावरण मित्रों को दिया हुआ है। जमा किए गए कूड़े को एक स्थान पर इकट्ठा कर इसकी छंटनी की जाती है। सबसे पहले इसमें से प्लास्टिक (Plastic), गत्ता (Cardboards) और रबर (Rubber) को अलग किया जाता है। फिर कॉम्पेक्ट मशीन (Compact machine packing) द्वारा पैक कर विक्रय जाता है।
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी गुरदीप आर्य बताते हैं कि पालिका प्लास्टिक, रबर और गत्ते के कूड़े को पर्यायवरण मित्रों की सहायता से अलग करती है। जिसे बेचकर अच्छी खासी आय होती है। नगर पालिका की अध्यक्ष (Chairman of Nagar Palika) दमयन्ती रतूड़ी ने बताया कि 2013 से अब तक हमने कूड़े की मदद से 14 लाख रुपये की कमाई की है। इस कमाई को क्षेत्रों की बेहतरी के लिए इस्तेमाल किया जाता है।