नैनीताल: सरोवर नगरी में लगातार बारिश का मौसम बना हुआ है। बारिश होने से दिक्कतें भी पेश हो रही हैं। पहले बीते दिन बोल्डर गिरने से ठंडी सड़क पर वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित की गई थी। अब भूस्खलन होने से पहाड़ी का एक हिस्सा नैनी झील में आ गिरा है।
नैनीताल समेत कुमाऊं के कई पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार ही बारिश कहर बनकर बरस रही है। नैनीताल जिले में भी पहाड़ों में हलचल पहले के मुकाबले ज्यादा देखने को मिल रही है।
सोमवार को ठंडी सड़क के किनारे आयारपाटा पहाड़ी में एसआर और केपी होस्टल के नीचे लगातार जारी भूस्खलन ने आखिरकार सोमवार की रात विस्फोटक रूप ले लिया। बता दें कि रात में भारी मात्रा में मलबा ठंडी सड़क से होते हुए नैनी झील में समा गया है।
गौरतलब है कि डीएसबी परिसर के गेट से राजभवन रोड होते हुए फ्लैट्स मैदान, बैंड स्टेंड से ग्रांड होटल होते हुए सात नंबर को जाने वाले इस इलाके को भूस्खलन के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है। निर्माण होने के चलते ये एरिया और भी संवेदनशील हो गया है।
बता दें कि बीते दिन बोल्डर गिरने के बाद से पुलिस प्रशासन व स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया। भूस्खलन की वजह से कई पेड़ भी गिर गए हैं और बिजली की लाइन व ठंडी सड़क के किनारे लगी रेलिंग भी क्षतिग्रस्त हो गई है। ठंडी सड़क पर पैदल आवागमन रोक दिया गया है।
नैनीताल पुलिस ने लोगों से इस सड़क से आवाजही ना करने की अपील की है। मगर लोग फिर भी यहीं से आ-जा रहे हैं। कुछ लोग तो उन्हीं मलबे व बोल्डर के ऊपर से होकर गुजर रहे हैं। जिस वजह से जानहानि का काफ़ी खतरा बना हुआ है।
जेसीबी क्रेन की मदद से सड़क से मलबा हटाया गया मगर पहाड़ी दरकने से लगातार बोल्डर गिर रहे हैं। जिस वजह से काम में भी बाधा आ रही है। भू-वैज्ञानिक डॉ. बीएस कोटलिया के मुताबिक ये एक वार्निंग है। उन्होंने भविष्य में इस भूस्खलन के बलिया नाले की तरह खतरनाक होने की भी संभावना जताई है। बता दें कि इससे डीएसबी के हॉस्टल व घरों पर भी खतरा मंडरा रहा है।