अगर मन में कुछ कर गुजरने का संकल्प हो तो कामयाबी ज्यादा दिन इंतजार नहीं कराती है। कामयाबी धैर्य और परिश्रम को देखती हैं और जो इन दोनों अग्निपरीक्षा में पास हो जाता है तो कामयाबी उसके साथ खास रिश्ता बना लेती है।
क्या आप सोच सकते है कि कक्षा 9 में पढ़ने वाली बच्ची चोटी में चढ़ने के सपने देखती हो नहीं ना,लेकिन नैनीताल की आस्था ने ऐसा ही किया है। नैनीताल की बेटी ने अपनी बहादुरी व साहस के दम पर रूस की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ाई कर उसे छोटा साबित कर दिखाया है। एक बार फिर साबित किया कि बेटियां किसी से कम नहीं है।
नैैनीताल के आलसेंट स्कूल की छात्रा आस्था चतुर्वेदी ने रूस की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्बरूस को फतह करने का रिकॉर्ड बना राज्य का नाम रोशन किया है। आस्था की इस उपलब्धि को विद्यालय की प्रधानाचार्य किरन जरमाया ने नगर व राज्य की उपलब्धि करार दिया है। प्रधानाचार्य जरमाया ने बताया कि आस्था चतुर्वेदी कक्षा 9वीं की छात्रा है। इस चोटी पर चढ़ने के लिए पिछले दो सालों से प्रयास कर रही थी। इस वर्ष उसे जाने का मौका मिल गया और यह कामयाबी भी हासिल कर ली। पर्वतारोही अभियान दल में उनके साथ ब्रिटिश की तीन, रूस की तीन व स्विटलरलैंड की एक छात्रा शामिल थीं।
आस्था जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में नैनीताल से रवाना हो गई थी और साहसिक दल में शामिल हो गई। 27 जुलाई की सुबह साढे़ आठ बजे एल्बरूस की चोटी फतह कर तिरंगा व विद्यालय का ध्वज फहराया। आस्था की दो बहनें ऑलसेंट स्कूल में ही अध्ययनरत हैं। इस उपलब्धि से विद्यालय में खुशी का माहौल है। आस्था ने साबित किया कि कामयाबी पाने के लिए रास्ते आसान नहीं होते है लेकिन हमें अपने हौसले से उसे आसान बनाना पड़ता है। आस्था को पूरे सोशल मीडिया पर बधाई मिल रही है।