नैनीताल: नगर की छवि को स्वच्छ रखना है तो स्वच्छता मिशन के साथ कोई खिलवाड़ नहीं हो सकता है। नैनीताल डीएम सविन बंसल इस विषय पर काफी गंभीर रहते हैं। नैनीताल पर्यटन के लिहाज से अहम है और नगर की खराब तस्वीर राज्य के लिए नुकसानदायक हो सकती है। जनमानस एवं पर्यटकों की आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए जनपद में मास्टर प्लान के अन्तर्गत डीएम बंसल ने भारत सरकार को 12 शौचालयों का प्रस्ताव भेजा गया था।
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शासन द्वारा 12 शौचालयों निर्माण के लिए 405.33 लाख (04 करोड़ 05 लाख 33 हजार) धनराशि स्वीकृति कर अवमुक्त कर दिये गये थे। नैनीताल प्रथम जनपद है जिसे मास्टर प्लान के तहत शौचालयों हेतु धनराशि उपलब्ध हुई है। जनपद में हाईटेक शौचालयों निर्माण कार्य प्रारम्भ हो गया है। जिसके तहत नैनीताल शहर में इण्डिया होटल के पास, मैट्रोपोट कम्पाउण्ड, रूसी बाईपास, खैरना व मुक्तेश्वर में शौचालयों का कार्य प्रारम्भ हो गया है जो दीपावली तक बनकर तैयार हो जायेंगे।
डीएम बंसल के विशेष प्रयासों से व बार-बार शासन से पत्राचार करने व वार्ता करने के उपरान्त शौचालयों की स्वीकृति मिली है। हाईटेक शौचालयो का स्थान चयन स्वंय डीएम द्वारा किया गया है जिससे दोहरा लाभ मिलेगा जहां एक ओर स्थानीय जनता को लाभ मिलेगा वहीं जनपद में आने वाले पर्यटको को भी सुविधा मिलेगी। उन्होंने बताया कि मास्टर प्लान के अन्तर्गत जनपद में पर्यटन विभाग द्वारा 12 हाईटैक शौचालय बनाये जायेगे, जिसके लिए शासन से 405.33 लाख की धनराशि जारी कर दी गई है।
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उन्होंने बताया कि हाईटैक शौचालय ट्रांसपोर्ट नगर हल्द्वानी, तहसील परिसर हल्द्वानी, निकट महिला चिकित्सालय हल्द्वानी, निकट बेस चिकित्सालय हल्द्वानी, समीप पर्यटक आवास गृह मुक्तेश्वर, कलैक्ट्रेट परिसर नैनीताल, रूसी बाईपास, माल रोड़ नैनीताल, नारायण नगर (सरिताताल), मैट्रोपोल कम्पाउण्ड मल्लीताल, सुयालबाड़ी हाईवे, क्वारब/ खैरना हाईवे पर बनाये जायेगें। शौचालयों का निर्माण सुलभ इंटरनेशनल द्वारा किया जा रहा है तथा संचालन भी इन्हीं के द्वारा किया जायेगा।
डीएम ने कार्यदायी संस्था को कार्यों में गुणवत्ता व समयबद्धता विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये तथा जिस मद में धनराशि स्वीकृत है, उसी मद में व्यय करनी होगी, कार्य करने से पूर्व समस्त तकनीकी दृष्टि से समस्त औपचारिकतायें पूर्ण कर विभाग द्वारा प्रचलित दरों, विशिष्टियों को ध्यान में रखते हुए कार्य सम्पादित करने के निर्देश भी दिये। उन्होंने निर्देशित किया कि मानको के अनुरूप सामाग्री का प्रयोग किया जाय। उन्होंने कहा कि आगणन में प्राविधानित डिजायन एंव मात्राओं हेतु संबंधित कार्यदायी संस्था का उत्तरदायित्व होगा।