Private Bus Service Halt: Nainital High Court Decision: Relief For UTC:
उत्तराखंड में पर्वतीय एवं मैदानी क्षेत्रों में पर्यटक बसों पर निर्भर रहते हैं। हालांकि रोडवेज और निजी बसों के बीच मामला हर वक्त टकराव का रहता है। कर्मचारी यूनियन द्वारा नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दर्ज की गई थी, जिसमें विशेष मार्गों पर निजी बसों के संचालन रोकने का आग्रह किया गया था। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट ने निजी बसों के उत्तराखंड परिवहन निगम (यूटीसी) के लिए निर्देशित मार्गों पर चलने से रोक जारी रखी है।
यूनियन महासचिव अशोक चौधरी ने कहा कि राज्य परिवहन प्राधिकरण (STA) ने निजी बसों के लिए आचार संहिता लागू होने से पहले अधिसूचित मार्ग खोल दिए थे। यूनियन महासचिव के अनुसार निजी बसों के अधिसूचित मार्गों पर संचालन से UTC के राजस्व पर असर पड़ता है। आचार संहिता लागू होने से पहले STA द्वारा निजी बसों को UTC के मार्गों पर चलने के लिए हरी झंडी दिखाए जाने पर चौधरी ने अपनी नाराज़गी जाहिर की। चौधरी कहते हैं “इससे साफ पता चलता है कि एसटीए अधिकारी निजी ऑपरेटरों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।”
फिलहाल हाईकोर्ट ने निजी बसों को UTC के लिए आरक्षित मार्गों पर चलने से रोक दिया है। जिससे रोडवेज प्रबंधन ने राहत की सांस ली है। साथ ही प्राइवेट बसों के संचालन से मार्गों में होने वाली मनमानी और मनचाहा किराया वसूलने की बात पर भी कोर्ट में दलीलें पेश की गई। जिन रूटों पर कोर्ट ने निजी बसों के चलने पर रोक लगा दी है उसमे देहरादून-ऋषिकेश, देहरादून-सहारनपुर, रूड़की-सहारनपुर, हल्द्वानी-मुरादाबाद, हल्द्वानी-बरेली, नैनीताल-हल्द्वानी जैसे प्रमुख रुट शामिल हैं।