नैनीताल: जिले में आवारा कुत्तों और बंदरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। कुत्तों ने अब तक सैंकड़ो लोगों को काट दिया है तो कइयों की मौत भी हो गई है। नैनीताल पहुंचने वाले पर्यटकों को भी कुत्तों के काटने का डर लगा रहता है।
नैनीताल हाईकोर्ट में इस संबंध में जनहित याचिका दायर की गई थी और कोर्ट ने सुनवाई के बाद जिलाधिकारी नैनीताल को 12 मई शुक्रवार को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट को याचिकाकर्ता ने बताया कि पूर्व में जारी दिशा निर्देशों का अनुपालन नही किया जा रहा है।
बता दें कि नैनीताल निवासी गिरीश चंद्र खोलिया द्वारा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। उन्होंने कोर्ट को बताया कि नैनीताल शहर में कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। अभी तक लावारिस कुत्ते सैकड़ों लोगों को काट चुके है। कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। कुछ समय पहले कुत्तों का बधियाकरण भी किया गया था। इसके बावजूद इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। याचिकाकर्ता ने बंदरों और कुत्तों की बढ़ती संख्या पर रोक लगाने की प्रार्थना की थी।
बुधवार को इस मामले की सुनवाई हुई थी। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि कोर्ट के पूर्व के आदेशों का अनुपालन नहीं हो रहा है। कुत्तों के काटने से कई मौत भी हुई है। वहीं कुत्तों का काटे जाने का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है जबकि एक बुजुर्ग की भी मौत हुई है। वहीं एक आंकड़ा भी कोर्ट के समक्ष रखा गया, जिसके अनुसार प्रदेश में लासारिस कुत्तों ने करीब 40 हजार लोगों को काट लिया। याचिकाकर्ता के पक्ष को सुनने के बाद कोर्ट ने इस मामले में जिलाधिकारी को तलब किया है।