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नैनीताल लिटरेचर फेस्टिवल: शब्दों, विचारों और कला का पर्व – साहित्यप्रेमियों के लिए सुनहरा मौका!


Nainital: Literature festival: नैनीताल की सुरम्य वादियों में पहली बार एक अनूठा साहित्यिक महोत्सव होने जा रहा है, जो न केवल शब्दों का उत्सव है, बल्कि विचारों, संस्कृति, कला और अभिव्यक्ति का संगम भी है। तीन दिवसीय ‘नैनीताल लिटरेचर फेस्टिवल’ का पहला संस्करण 25 अप्रैल से माउंटेन मैजिक, चारखेत में आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन साहित्य, सिनेमा, कला और बुद्धिजीवियों को एक मंच पर लाकर ज्ञान, विचार और प्रेरणा का अद्भुत संगम रचेगा।

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फेस्टिवल का शुभारंभ होगा उत्तराखंड की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत, प्रसिद्ध होल्यार प्रभात गंगोला की ‘कुमाऊं होली’ की सुरम्य धुनों और रंगों के साथ – जो लोक कला को जीवंत कर एक सांस्कृतिक संदेश भी देगा।

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एनएनएफ के संस्थापक और निदेशक अमिताभ सिंह बघेल ने कर्टन रेजर सेरेमनी में इस उत्सव की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस फेस्टिवल का मुख्य उद्देश्य है – विचारों की विविधता को एक साझा मंच देना, जहां कहानियाँ सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं, बल्कि जीवन, समाज और समय की गहराइयों से जुड़ती हैं।

क्या होगा खास?

50 से अधिक जाने-माने लेखक, कलाकार और बुद्धिजीवी – जो अपने अनुभवों, संघर्षों और प्रेरणादायक यात्राओं को साझा करेंगे।

हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू – तीनों भाषाओं में दिलचस्प सत्र, संवाद और वर्कशॉप।

थीम्स: पौराणिक कथाएँ, समकालीन सिनेमा, पाक कला, संगीत, कानून, सामाजिक विषय और बहुत कुछ।

निःशुल्क प्रवेश – हां, यह फेस्टिवल हर उस व्यक्ति के लिए खुला है जो शब्दों और विचारों से प्रेम करता है।

इस आयोजन को सफल बनाने में कुमाऊं विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, नारी शक्ति पुरस्कार विजेता अंशु खन्ना, लेखिका अपर्णा कांडा, कलाकार दीपक बलानी और कई स्वयंसेवक सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं। आयोजन समिति के संयोजक आलोक शाह ने भी इस महोत्सव को एक ऐतिहासिक पहल बताया।

क्यों आएं?

यह सिर्फ एक फेस्टिवल नहीं, बल्कि एक अनुभव है – जहाँ आपको प्रेरणा मिलेगी, नए दृष्टिकोण मिलेंगे, और आत्मा को स्पर्श करने वाली कहानियाँ सुनने को मिलेंगी। यदि आप साहित्य से प्रेम करते हैं, विचारों को सुनना और साझा करना चाहते हैं, तो नैनीताल लिटरेचर फेस्टिवल आपके लिए है।

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