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ज्योलीकोट हाइवे बंद होने से सिर दर्द बढ़ा, अब पर्यटकों को कालाढूंगी होते हुए जाना पड़ेगा नैनीताल

ज्योलीकोट हाइवे बंद होने से सिर दर्द बढ़ा, अब पर्यटकों को कालाढूंगी होते हुए जाना पड़ेगा नैनीताल

हल्द्वानी: मैदानी इलाकों में बारिश अमुमन इतनी तबाही नहीं मचाती। मगर पहाड़ों पर बारिश के लगातार जारी रहने से दिक्कतों का पहाड़ खड़ा हो जाता है। इन दिनों उत्तराखंड के कई इलाकों में बारिश का दौर जारी है। भूस्खलन से मार्ग बाधित हो रहे हैं। आवाजाही में दिक्कतें हो रही हैं।

ज्योलिकोट-कर्णप्रयाग हाईवे पर भूस्खलन होने से आवागमन बाधित है। इधर दो गांव के पास भी भूस्खलन होने से सड़क का हिस्सा धंस गया है। शनिवार सुबह डॉन बॉस्को स्कूल के पास सड़क का आधा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है।

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बता दें कि नैनीताल हल्द्वानी हाईवे पर व्यस्तता हमेशा बनी रहती है। पर्यटकों की भीड़ भी कोरोना के नियमों में छूट मिलने के बाद बनी हुई है। अभी तक वीरभट्टी पुल के बंद होने से भवाली जाने वाले वाहनों को वाया नैनीताल भेजा जा रहा था। मगर अब नैनीताल हाईवे पर सड़क धंसने से यातायात को बंद किया गया है।

बताया जा रहा है कि रास्ते पर पुलिस की टीम मौजूद है। आने जाने वाले वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं। जानकारी के अनुसार नैनीताल जाने वाली गाड़ियों को वाया कालाढूंगी भेजा जा रहा है। पुलिस द्वारा रूसी बायपास मार्ग से वाहनों को डायवर्ट करने की कोशिश की जा रही है।

ऐसे में नैनीताल जाने के लिए कालाढूंगी- नैनीताल मार्ग ही पकड़ना पड़ेगा। जिससे भारी वाहनों और छोटी दूरी की यात्रा तय करने वालों को बढ़ी मुश्किलें होंगी। उधर वीरभट्टी पुल भी खुलने के बाद फिर बंद हो गया है। मलबा साफ करने के बाद वहां फिर मलबा आ गया है। जिस कारण यातायात को बंद किया गया है। इस हिसाब से अब कालाढूंगी होते हुए नैनीताल और अल्मोड़ा जाने का ही एकमात्र विकल्प बचा है।

ताजा जानकारी के अनुसार पहाड़ से आने वाले वाहनों को भवाली से भीमताल-रानीबाग के रास्ते अथवा उनकी इच्छानुसार भेजा जा रहा है, जबकि बस-ट्रक आदि बड़े वाहनों को भवाली के मस्जिद तिराहे से तल्लीताल-नैनीताल होते हुए रूसी बाइपास से खुर्पाताल, कालाढुंगी होते हुए भेजा जा रहा है। हल्द्वानी से पहाड़ आने वाले बड़े वाहनों को भी इसी रूट से कालाढुंगी, नैनीताल होते हुए भवाली से पहाड़ भेजा जा रहा है।

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