हल्द्वानीः एक तरफ तो भारत में सर्व शिक्षा अभियान चल रहा है, वहीं दूसरी तरफ स्कूल और कॉलेज में कई कमियां प्रशासन की पोल भी खोलते दिख रही है। जिसमें सबसे बड़ी समस्या शिक्षकों की देखी जा रही है। राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज में शिक्षक ना के बराबर ही देखे जा रहे है । पॅालीटेक्निक कॅालेज नैनीताल में सिविल इंजीनियरिंग , फार्मेसी, मैकेनिकल, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रानिक, पिजीडीसीए, मॅाडर्न ऑफिस मैनेजमेंट एंड सक्रेटियल प्रेक्टिस व आइटी ट्रेड संचालित है।
पर पॅालीटेक्निक कॉलेज में शिक्षक ना के बराबर ही है। जिससे बच्चें भी कम आ रहे है । दरअसल संस्थान में प्रधानाचार्य समेत शिक्षक और कर्मचारियों को मिला कर 122 पद स्वीकृत करे गये हैं। मुख्यमंत्री के सचिव डॉक्टर ओमप्रकाश के पास तकनीकी शिक्षा की जिम्मेदारी होने के बाद भी संस्थान में मात्र 42 लोगों का ही स्टाफ है। जिसमें 23 शिक्षक, 7 ऑफिस स्टाफ और मात्र 4 कर्मचारी ही है । जबकि पीजीडीसीए में 25 से कम , इलेक्ट्रानिक , इलेक्ट्रिकल में 60-60 जबकि अन्य ट्रेडों में 40 सीटें है।
नैनीताल समेत कई संस्थानों में यही हाल देखने को मिल रहा है। कई छात्र-छात्राए दूर-दूर से अध्ययन के लिए आते है। पर अब शिक्षक ना होने से कई छात्र-छात्राए चिंतित हो रहे है । प्रधानाचार्य एमके सिंह का कहना है कि स्टाफ की कमी के बारे में कई बार निदेशालय को रिपोर्ट भेजी जा चुकी है । उन्होंने माना कि शिक्षकों की कमी छात्र-छात्राऔं की शिक्षा में दिक्कत आ रही है ।