नैनीताल: जिला में विकास चारों दिशाओं से होना चाहिए। जो लोक रोजगार कर रहे हैं उन्हें बैंक की ओर जारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। इस विषय पर डीएम सविन बंसल ने जिला कार्यालय सभागार में बैंकर्स जिला स्तरीय समीक्षा एवं जिला समन्वय समिति की त्रैमासिक बैठक ली। यहां कुछ बैंकों द्वारा लापरवाह रवैया देखने को मिला। डिस्ट्रिक्ट कॉर्डिनेटर ने अपनी जगह प्रतिनिधियों को बैठक भेजा तो डीएम ने तुरंत फटकार लगाई और उन्हें बैठक से बाहर का रास्ता दिका दिया। उन्होंने बैंको के सक्षम स्तर के अधिकारियों को बैठक में स्वयं प्रतिभाग करने के निर्देश दिये और इसे गंभीरता से लेने के लिए कहा।
ऋण आवेदन पत्र अस्वीकृत किया जाता है तो ऐसी दशा में आवेदन पत्र पर स्पष्ट कारण लिखा जाए कि किस कारण से आवेदन पत्र अस्वीकृत किया जा रहा है। उन्होंने सभी बैंकर्स को निर्देश दिए कि विभिन्न सरकारी योजनाओं के अन्तर्गत बैंको को प्राप्त होने ऋण सम्बन्धित आवेदन पत्रों का 15 दिन के भीतर निस्तारण करना सुनिश्चि करें। उन्होंनें कहा कि सभी बैंकर्स अच्छी प्लानिंग व सकारात्मक सोच रखें तथा उद्यमियों एवं बेरोजगार व्यक्ति को विकास की ओर ले जाने वाले रास्ते की बाधा बनने के स्थान पर उन्हें ऋण उपलब्ध कराते हुए आगे बढ़ाने का काम करें। यदि बैंकर्स किसी भी उद्यमि को अनावश्यक परेशान करते हैं, ऋण उपलब्ध कराने में आनाकानी करते हैं या फाईलें अधिक समय तक लम्बित रखते हैं तो ऐसे बैंकर्स के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी।
डीएम ने जिले में ऋण जमा अनुपात की समीक्षा की। ऋण जमानुपात (सीडी रेश्यू) मिनिमम निर्धारित जमानुपात (40 प्रतिशत) से कम होने (39 प्रतिशत) होने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की और अगली तिमाही में सूक्ष्म कार्य योजना तैयार कर जनपद का ऋण जमानुपात बढ़ाने के निर्देश दिये। समीक्षा के दौरान सेंट्रल बैंक आफ इंडिया का मात्र 13 प्रतिशत, इण्डसलैण्ड बैंक 21 प्रतिशत, इण्डियन बैंक 24 प्रतिशत, कोटक महिन्द्रा 10 प्रतिशत के साथ ही अन्य बैंको के बैंकर्स को शाखावार सूक्ष्म कार्य योजना तैयार कर ऋण जमा अनुपात बढ़ाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि ऋण जमानुपात बढ़ाने में जनपद के बड़े बैंकर्स की उदासीनता को गंभीरता से लिया जाएगा। इसलिए बड़े बैंकर्स ऋण जमानुपात बढ़ाने में विशेष योगदान देना सुनिश्चित करें।सभी बैंक खाता धारकों के आधार लिंक कराना सुनिश्चित करें ताकि अधिक से अधिक सरकारी योजनाओ का लाभ मिल सके। मनरेगा सहित डीबीटी स्कीम वाले खातों का प्राथमिकता से ई-केवाईसी करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर डीएम बंसल तथा मुख्य विकास अधिकारी विनीत कुमार द्वारा आरसेटी की वार्षिक गतिविधि रिपोर्ट पुस्तिका, नाबार्ड द्वारा प्रकाशित संभाव्यता युक्त ऋण योजना 2020-21 का विमोचन किया।
बैठक में अग्रणी बैंक अधिकारी एमएस जंगपांगी ने बताया कि जनपद का ऋण जमानुपात 39 प्रतिशत है जोकि मिनिमम ऋण जमानुता (40 प्रतिशत) से 1 प्रतिशत कम है। इसके साथ ही उन्होंने डिजीटल बैंकिंग, डीबीटी, वित्तीय साक्षरता कैम्प, बैंको द्वारा ऋण वितरण, किसान क्रेडिट कार्ड, भूलेख सुधार एवं निर्बाध ऋण वितरण आदि की विस्तार से जानकारी दी। बैठक में एलबीओ आरबीआई आशुतोष झां, के परियोजना निदेशक बालकृष्ण, जिला विकास अधिकारी रमा गोस्वामी, एजीएम बैंक ऑफ बडौदा ललित कुमार जैन, डीडीएम नाबार्ड विशाल कंसल, बैंकर्स डीके दास, अरूणा सिंह, निदेशक आरसेटी जेपीएस राणा के अलावा जिला स्तरीय एवं बैंक अधिकारी मौजूद थे।