हल्द्वानीः गर्मी के मौसम में देवभूमि में पर्यटकों की संख्या बढ़नी शुरू हो गई है। मगर उत्तराखण्ड में पर्यटकों की सबसे पंसदीदा जगह कही जाने वाली सरोवर नगरी (नैनीताल) में पर्यटकों के ना आने का डर नैनीताल के लोगों को लग रहा है। इस की वजह नैनीताल में लगे कूड़े के ढ़ेर बताए जा रहे है। यही कारण रहा कि मंगलवार को नैनीताल के कमिश्नर ने नगर पालिका जसपुर और काशीपुर नगर निगम के अधिकारियों का वेतन रोक कर कार्रवाई का संकेत दिया। कमिश्नर ने जिले में कूड़े के ढेर पर चिंता जताते हुए कहा कि किसी भी अधिकारी के पास कोई कूड़ा निस्तारण की योजना नहीं है और ना ही कोई इसपर ध्यान दे रहा है।दरअसल नैनीताल में पर्यटकों का आवागमन शुरू हो गया है जिसके बाद से ही नगर पालिका की चिंता बढ़ गई है। सूत्रों की माने तो हर रोज नैनीताल में 22 टन कूड़ा इकट्ठा होता है और सीजन में कूड़ा 33 टन तक हो जाता है। सीजन में पर्यटकों के आवागमन के कारण कूड़े के ढेर को उठाने में काफी परेशानी होती है। अगर व्यवस्था की बात करी जाये तो पालिका के पास मात्र एक ही ड़ंपर है और बड़े साइज के 126 कूड़ेदान नगर में लगे हुए है। अगर हर एक कूड़ेदान की बात करी जाये तो एक कूड़ेदान का नंबर दो से तीन दिन बाद आता है। जिसकी वजह मालरोड़ 3 घंटे बंद होने के कारण जाम लगने से कूड़े की गांड़ी के चक्कर रोज के आधे लग पाते है, जिसके कारण हर रोज ड़ेढ गुना तक कूड़ा बढ़ जाता है।
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नगर के सफाई इंस्पेक्टर कुलदीप कुमार ने बताया कि सीजन के लिहाज से उन्हें नगर के ड़पर के आलावा दो छोटे वाहन और एक नये डंपर की आवश्यकता है साथ ही वह कम से कम 60 सफाई कर्मचारियों की आवश्यता कि बात कर चुके है। पर आचार संहिता के कारण सफाई कर्मचारियों की भर्ती नहीं हो पाई। 23 मई को चुनाव परिणाम आने के बाद 24 मई से प्रक्रिया शुरू हो पायेगी। मांग के टेंड़र से लेकर पालिका तक पहुचने में महीने भर तक का समय लग सकता है। पर तब तक सीजन आधें से ज्यादा गुजर गया होगा। तो यह कहना गलत नहीं होगा कि इस बार पर्यटकों को कूड़े के ढेर के साथ ही फोटो खींचनी पड़ सकती है। वही नगर पालिका ने भी आचार संहिता का बहाना तैयार कर लिया है।