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नैनीताल में कृषि विधेयक बिल का विरोध, केंद्र सरकार का पुतला फूंका


नैनीताल: कृषि विधेयक बिल के विरोध में कांग्रेस जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल और पूर्व विधायक सरिता आर्य के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को मल्लीताल पंत पार्क में केंद्र सरकार का पुतला फूंका। जिलाध्यक्ष नैनवाल ने केंद्र सरकार पर किसानों का शोषण करने का आरोप लगाया है। पूर्व विधायक आर्य ने कहा किसान विरोधी बिल कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने की एक सोची-समझी योजना है। यह मोदी सरकार का शुरू से ही एजेंडा रहा है। उन्होंने कहा कृषि विधेयक बिल का कांग्रेस पुरजोर विरोध करती है। इस दौरान महिला कांग्रेस उपाध्यक्ष जया बिष्ट, भीमताल नगर पंचायत अध्यक्ष देवेंद्र चनौतियां, नगर अध्यक्ष अनुपम कबडवाल, संजय कुमार, गोपाल बिष्ट, कैलाश अधिकारी, सभासद पुष्कर बोरा,सभासद राजू टांक, सूरज पांडे, जुनैद आदि मौजूद रहे।

जाने क्यों हो रहा कृषि विधेयक बिल का विरोध

राज्यसभा में दो कृषि विधेयक पारित हो चुके हैं। सरकार का दावा है कि ये किसानों के फायदे बिल है, लेकिन कांग्रेस इसे किसानों को नुकसान पहुंचाने वाला बता रही है। वहीं बहुत से किसान भी सड़कों पर उतर कर विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस का आरोप है कि इस तरह से सरकार मंडी व्यवस्था खत्म कर के किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से वंचित करना चाहती है। पीएम मोदी ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था। लेकिन मोदी सरकार के ‘काले’ क़ानून किसान-खेतिहर मज़दूर का आर्थिक शोषण करने के लिए बनाए जा रहे हैं। ये ‘ज़मींदारी’ का नया रूप है । कृषि मंडी हटी, देश की खाद्य सुरक्षा मिटी।’ किसान ये सोचकर भी डर रहे हैं कि नए कानून के बाद उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलेगा। उन्हें डर है कि अगर सरकार उनका अनाज नहीं खरीदेगी तो फिर वह किसे अपने अनाज बेचेंगे। अभी तो सरकार अनाज लेकर उसे निर्यात कर देती है या फिर और जगहों पर वितरित कर देती है, लेकिन बाद में किसान परेशान हो जाएंगे। उन्हें ये भी डर है कि कंपनियां मनमाने दामों पर खरीद की बात कर सकती हैं और क्योंकि किसानों के पास भंडारण की उचित व्यवस्था नहीं है तो उन्हें अपना अन्न कम दाम पर भी बेचना पड़ सकता है

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