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कुमाऊं विश्वविद्यालय:ऑनलाइन परीक्षा के विरोध में शुरू हुआ अभियान


लॉकडाउन व कोरोना वायरस से बचने के लिए कुमाऊं विश्वविद्यालय ऑनलाइन परीक्षा कराने की तैयारी कर रहा है। ये सभी चीजें विश्वविद्यालय के छात्रा-छात्रों के लिए नई है। विश्वविद्यालय का कदम भले ही स्मार्ट हो लेकिन इसमें तमाम परेशानी सामने आ रही है। दरअसल विश्वविद्यालय के अधिकतर छात्र-छात्रा पहाडी जिलों से तालुख रखते हैं। वहां इंटरनेट की स्पीड व कनेक्शन का कुछ पता नहीं है। इसके अलावा कुछ कॉलेजों में कोर्स पूरा नहीं हुआ है।

इन्ही कुछ बातों को लेकर NSUI नैनीताल ज़िलाध्यक्ष विशाल सिंह भोजक द्वारा ऑनलाइन परिक्षाए कराने के विरोध में अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान को कई विद्यार्थियों का समर्थन मिल रहा है। ज़िलाध्यक्ष विशाल सिंह भोजक ने कहा की सभी कॉलेजों में में कोर्स पूरा नहीं हो पाया है तो कैसे परीक्षाओं का आयोजन हो सकता है। जो ऑनलाइन कक्षाएं चलायी जा रही थी उनका लाभ भी अधिकांश छात्रों को नहीं मिल पाया है । इस स्थिति में अगर सरकार ऑनलाइन परिक्षाए करती हैं कई विद्यार्थि इसमें भाग नहीं ले पाएंगे और कुछ बिना तैयारी से परीक्षाओं में बैठेंगे। यह चीजें छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगी । NSUI ने राज्य सरकार से मांग की है कि सभी विद्यार्थियों को अगली कक्षा में जाए।

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NSUI के अलावा अन्य छात्र संगठनों ने भी ऑनलाइन परीक्षा के आयोजन का विरोध किया है। छात्रों ने विश्वविद्यालय पर आरोप लगाते हुए कहा कि 24 मार्च से अब तक कुमाऊं विश्वविद्यालय ऑनलाइन पर एजुकेशन बिल्कुल फेल रहा है छात्र संगठन का कहना है कि गणित कॉमर्स व टेक्निकल सब्जेक्ट विषय को पीडीएफ के माध्यम से कैसे बढ़ाया जा सकता है। छात्र संगठन का कहना है कि लॉक डाउन होने की वजह से काफी छात्र अपने घर दूसरे राज्यों और जिलों में चले गए है। दूसरे राज्यों से परीक्षाओं में आ पाना इतनी जल्दी सम्भव नही है। लिहाजा परीक्षाएं विलम्ब से करायी जाए।बता दें कि यूजीसी ने कुमाऊं विश्वविद्यालय ने 1 जुलाई से परीक्षाएं कराने का निर्णय लिया है।

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