नानकमत्ता: नए और बेहतर प्रयास हमेशा सकारात्मकता के दरवाजे खोलते हैं। खेती में अभिनव प्रयासों की एक मिसाल नानकमत्ता के खैराना गांव के सुरेश सिंह राणा की कहानी भी पेश करती है। मक्के की खेती कर सुरेश सिंह ने ना केवल आमदनी को बढ़ाया है बल्कि वह भूजल स्तर को बढ़ाने में भी अग्रसर रहे हैं। कामयाबी का स्तर इस बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में पीएम मोदी ने भी सुरेश सिंह से बात कर उनकी तारीफ की थी।
खैराना गांव निवासी सुरेश सिंह राना सालों से किसानी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते आ रहे हैं। वह बताते हैं कि चैनी धान की फसल भूजल स्तर के साथ फसल को बीमारियां लगा रही थी। नुकसान ज्यादा हुआ तो काशीपुर के वैज्ञानिकों ने फसल चक्र की बात बताई। जिसके बाद उन्होंने धान की जगह मक्का बोना शुरू किया।
आधे खर्चे में मक्का बोई और फायदा भी दिखने लगा। आमदनी भी अधिक हुई और मक्का के शेष अवशेष से खेतों को खाद मिल गई। इससे मुख्य तौर पर बाद में धान की फसल भी बीमारी रहित हुई। साथ ही भूजल स्तर भी सामान्य बना रहा।
इन प्रयासों के लिए पीएम मोदी ने सुरेश राणा से वर्चुअली बात की और उनकी तारीफ की। सुरेश राणा ने पीएम से बात करते हुए काशीपुर पंतनगर के कृषि वैज्ञानिकों का आभार जताया है। साथ ही बताया कि उनके गांव में लघु किसानों ने माधव किसान समूह बना रखा है। प्रत्येक किसानों को कृषि विभाग की तरफ से 3 लाख रुपये के कृषि यंत्र दिए गए हैं।
बता दें कि करीब 10 एकड़ जमीन में सुरेश सिंह राणा धान, मटर, मक्का व गेहूं की पैदावार करते हैं। इसके अलावा खाद के लिए उन्होंने देसी गाय पाल रखी हैं। वह घर में इस्तेमाल करने वाली सब्जियां को प्राकृतिक तरीके से पैदावार करते हैं। उनकी तीन बेटियां हैं। जिसमें एक बेटी न्याय विभाग में और दूसरी बेटी शिक्षा विभाग में सेवा दे रही है। तीसरी बेटी अभी एमएससी कर रही है।