हल्द्वानी: गौलापार क्षेत्र के किसान ने वैज्ञानिकों वाला काम किया है। दरअसल किसान नरेंद्र मेहरा के अनुसार उन्होंने हल्दी के केवल एक पौधे से 24 किलो हल्दी का उत्पादन किया है। यह कमाल चर्चा का विषय इसलिए भी बन गया है क्योंकि आज तक देश में ऐसा कभी नहीं हुआ जब किसी ने हल्दी के एक पौधे से 24 किलो हल्दी उगाई हो।
गौलापार क्षेत्र में रहने वाले प्रगतिशील किसान नरेंद्र मेहरा ने हल्दी के सिर्फ एक पौधे से 24 किलो हल्दी उगाने का दावा किया है। यह कारनामा नरेंद्र मेहरा ने हल्दी की एक नई प्रजाति खोज कर किया है। जिससे उन्होंने पूरी तरह जैविक हल्दी का उत्पादन किया है। उन्होंने पहली बार रिंग पिट मेथड से एक हल्दी के पौधे से इतनी हल्दी का उत्पादन किया है।
आपको बता दें कि अमूमन तौर पर हल्दी के एक पौधे से ज्यादा से ज्यादा 1 किलो तक हल्दी उत्पादित होती है। नरेंद्र मेहरा की तकनीक की बात करें तो उन्होंने अब से करीब 2 साल पहले एक विशेष प्रजाति के हल्दी के पौधे को रिंग पिट मेथड से अपने खेत में लगाया था। रिंग पिट मेथड वह मेथड होता है जिसमें उगाई जाने वाली फसल में खेत की जुताई करने की जरूरत नहीं होती। बल्कि इसमें मशीन या कृषि औजार से कुछ दूरी पर गड्ढा तैयार कर उसमें पौधों को लगाया जाता है।
हालांकि नरेंद्र मेहरा को उम्मीद नहीं थी कि एक पौधे से इतनी अधिक मात्रा में हल्दी का उत्पादन किया जा सकता है। लेकिन उनका यह अभिनव प्रयास काम कर गया। बता दें कि नरेंद्र मेहरा द्वारा उगाई गई हल्दी को जमीन से निकालने के लिए मजदूर तक बुलाने पड़े। नरेंद्र मेहरा अपनी इस उपलब्धि से खासा उत्साहित है। वह हल्दी की प्रजाति को पेटेंट कराएंगे। नरेंद्र मेहरा की मानें तो वे कृषि वैज्ञानिकों के संपर्क में हैं और आगे भी इस प्रजाति को विकसित करेंगे।