नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का शनिवार दोपहर निधन हो गया। पूर्व वित्त मंत्री का कद राजनीति में काफी बड़ा था। वो अपने व्यवहार के चलते विपक्षियों के भी प्रिय थे। पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे। उन्होंने अंतिम सांस दिल्ली के एम्स में ली। पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन के बाद पूरे राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई। देश की बढ़ी-बढ़ी हस्तियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन के बाद भारतीय न्यूज चैनल के सबसे बड़े चहरों में से एक रजत शर्मा ने दुख व्यक्त किया और एक भावुक वाक्या भी शेयर किया। बता दें कि अरुण जेटली राजनीति के अलावा क्रिकेट से भी जुड़े थे, वह साल 1999 से 2013 तक डीसीए के अध्यक्ष रहे थे।
रजत शर्मा ने शेयर की ये बात
रजत शर्मा ने अपने शो ‘आज की बात’ में बताया कि अरुण जेटली से उनकी पहली मुलाकात 1973 में हुई थी। रजत शर्मा ने कहा, ‘मुझे आज भी वो दिन याद है जब मेरी अरुण जेटली से पहली मुलाकात हुई थी। मैं गरीब परिवार से था और दस भाई बहनों का बड़ा परिवार था। पुरानी दिल्ली में एक छोटे से कमरे में पूरा परिवार रहता था। लेकिन मैं पढ़ना चाहता था और श्रीराम कॉलेज में एडमीशन लेने पहुंचा था।’ उस वक्त अरुण जेटली दिल्ली यूनीवर्सिटी में ABVP के छात्र नेता थे। ‘मैं एडमीशन फॉर्म जमा कराने गया था और एडमीशन फीस में तीन रुपए कम थे। मैं परेशान था कि इसी दौरान अरुण जेटली वहां पहुंचे और मेरी परेशानी जानी। उन्होंने कहा कि पैसों के चक्कर में पढ़ाई नहीं छूटनी चाहिए। उन्होंने मेरी फीस और फॉर्म जमा किया। उस दिन जो हाथ मेरी मदद में आगे बढ़ा था वो आज छूट गया।’ बता दें कि 1974 में अरुण जेटली दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष बनें थे।
अरुण जेटली और रजत शर्मा की दोस्ती के बारे में हर कोई जानता हैं। इस वाक्या ने सभी को भावुक किया। सबसे खास बात ये है कि जिस दोस्त के बारे में रजत शर्मा बता रहे थे उसी दोस्त की गद्दी वो संभाल रहे हैं। अरुण जेटली साल 1999 से 2013 तक डीसीए के अध्यक्ष रहे थे। वहीं साल 2018 में रजत शर्मा डीसीए के अध्यक्ष बनें।