नई दिल्ली: भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत पंचतत्व में विलीन हो गए। उनके पार्थिव शरीर गुरुवार शाम तमिलनाडु से दिल्ली लाए गए थे। शुक्रवार को जनरल बिपिन रावत और मधुलिका रावत का अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले उनके पार्थिव शरीर को सुबह 10.30 बजे से 12.30 बजे तक आम जनता के अंतिम दर्शन के लिए उनका आवास रहे 3 कामराज मार्ग पर रखा गया था। दोपहर 12.30 से 1.30 बजे तक सैन्य कर्मियों ने जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत को श्रद्धांजलि दी।
करीब दो बजे उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई।इसके बाद जनरल रावत का अंतिम संस्कार किया गया।सेना के बैंड की धुन के साथ उन्हें 17 तोपों की सलामी दी गई, जनरल रावत और उनकी पत्नी के पार्थिव शरीर एक ही चिता पर रखे गए। दोनों को उनकी बेटियों ने मुखाग्नि दी। इस दौरान 800 सैन्यकर्मियों के साथ, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, कानून मंत्री किरेन रिजिजू, भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनिन और भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस भी भारत के पहले सीडीएस के अंतिम संस्कार के समय उपस्थित थे। इससे पहले, सीडीएस जनरल रावत की अंतिम यात्रा में उमड़े लोगों के हुजूम ने ‘भारत माता की जय’, ‘वंदे मातरम’ और ‘जनरल रावत अमर रहें’ जैसे नारे लगाए. अंत्येष्टि स्थल पर भी लोगों ने ऐसे ही नारे लगाए।