नई दिल्ली: राजस्थान झुंझुनू के चारावास की रहने वाली निशा चाहर ने 2021 की यूपीएससी परीक्षा में 117वीं रैंक हासिल कर पूरे ज़िले का नाम रौशन किया है। निशा ने पहली बार में यूपीएससी क्लियर कर अपने और अपने परिवार का नाम गर्व से ऊंचा कर दिखाया है । उन्होने अपनी पढ़ाई बिरला बालिका विघापीठ से संपूर्ण की और फिर सिविल सर्विस की तैयारी में जुट गईं ।
निशा की दादी बताती हैं कि उन्हें पोते की आश थी मगर पोती होने पर वह बहुत दुखी हो गई लेकिन आज पोती के ऑफिसर बनने के बाद दादी फूली नहीं समा रही हैं और पूरे गांव में मिठाई बांटते फिर रही हैं । इसी खुशी में उन्होने डीजे पर डांस भी किया। निशा के पिता राजेन्द्र चाहर एक शिक्षक हैं। उनकी पहली चाह बेटी को डॉक्टर बनते देखने की थी क्योंकि उन्हे डर था की आईएएस बनने तक कहीं बेटी की उम्र ना निकल जाए, मगर निशा ने हमेशा ही आईएएस को महत्व देते हुए उसी क्षेत्र में मेहनत की और उसमे सफल हो कर दिखाया। इस बात की बहुत खुशी उनके पिता को भी है ।
निशा बताती है कि वह बचपन से ही कलेक्टर बनने का सपना देखा करती थी। उनके क्षेत्र के कलेक्टर हाउस के पास से वह जब भी गुज़रती तो वहां पर दो पल रुक कर सोचती कि वह भी एक दिन कलेक्टर बनेंगी और ऐसे ही बंगले व बत्ती वाली गाड़ी में बैठेंगी । यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्रों को निशा बताना चाहती हैं कि वह भी अन्य विद्यार्थियों की तरह ही रिजल्ट से पहले बहुत घबराई हुई थी। यहां तक की घबराहट की वजह से वह रोने लगी मगर घर वालो के साथ ने उन्हे संभाला लेकिन परीक्षा के दौरान और उससे पहले वह कभी नहीँ घबराई।
निशा आगे कहती हैं कि परीक्षा के तीन घंटो में केवल हमे परीक्षा पर ध्यान देना चाहिए । उस वक्त हमें घबराने व अंजाम के बारे मे सोचकर अपने आप को मानसिक तनाव नहीं देना चाहिए । भले ही परीक्षा के बाद हम इन सभी अहसास को खुलकर अभिव्यक्त कर सकते हैं। आज हर क्षेत्र में लड़कियां आगें हैं…… बेटियां श्राप नहीं वरदान है । इस बात को फिर सच साबित कर दिखाया है। निशा चहल आज हज़ारों ऐसी बेटियों के लिए प्रेणा बन गई हैं।