चीन से तनातनी के बीच भारत के लिए फ्रांस से 5 राफेल विमान उड़ निकले हैं। ये 29 जुलाई को हरियाणा के अंबाला में भारतीय एयर फोर्स का हिस्सा बनेंगे। फ्रांस से उड़े इन लड़ाकू विमानों में भारत पहुंचने से पहले यूएई में ईंधन भरा जाएगा। फ्रांस में भारत के दूतावास ने तस्वीरें साझा करते हुए बताया नए राफेल भारतीय बेड़े में शामिल होने के लिए फ्रांस से उड़ रहे हैं।
फ्रांस से खरीदे गए बेहद आधुनिक और शक्तिशाली 36 राफेल विमानों की यह पहली खेप है। विमान बुधवार को भारत पहुंचेंगे। इंडियन एयरफोर्स के 12 पायलट और इंजीनियर्स को ट्रेनिंग दी गई है। उड़ान भरने से पहले फ्रांस में भारत के राजदूत ने पायलटों से मुलाकात की। पूर्वी लद्दाख सीमा पर चीन के साथ जारी सीमा गतिरोध के बीच राफेल जेट जंगी विमानों की पहली खेप को अपने बेड़े में शामिल करने जा रही वायुसेना उनमें 60 किलोमीटर तक मारक क्षमता की हवा से जमीन पर मार करने वाली नई पीढ़ी की मिसाइलें लगाने पर भी विचार कर रही है। यह विमान विभिन्न प्रकार के शक्तिशाली हथियारों को ले जाने में सक्षम है।
भारत सरकार ने 2016 में फ्रांस से 36 लड़ाकू राफेल विमानों का सौदा 60,000 करोड़ रुपए में किया था। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पहला राफेल विमान फ्रांस के एक एयरबेस पर पिछले साल 8 अक्तूबर को प्राप्त किया था। अब जो पांच विमान भारत आ रहे हैं ये मई में ही आने वाले थे, लेकिन कोरोना वायरस महामारी को लेकर कुछ देरी हुई। 36 लड़ाकू विमानों में से 18 विमान फरवरी 2021 तक सौंप दिए जाएंगे, जबकि शेष विमान अप्रैल-मई 2022 तक सौंपे जाने की उम्मीद है। राजनाथ सिंह ने पिछले साल फ्रांस में कहा था, ”मुझे बताया गया है कि फ्रेंच ‘शब्द राफेल का अर्थ ‘आंधी है। मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि विमान अपने नाम को सार्थक करेगा।”