नई दिल्ली: क्रिकेटे से सांसद बने गौतम गंभीर अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं। कोई देश पर उंगली उठाए वो बिल्कुल भी बर्दास्त नहीं करते हैं। मीडिया के सामने भी विरोधियों को मुंहतोड़ जवाब देने से नहीं डरते हैं। इसके अलावा गंभीर इंसानियत को लेकर हर वक्त मिसाल पेश करते हैं। कभी शहीदों के बच्चों की पढ़ाई या फिर कुछ और मदद के लिए उनके हाथ हर वक्त तैयार रहते हैं। इसके लिए वह एक फाउंडेशन भी चलता हैं। एक बार फिर अपनी इसी कार्यशैली के लिए वह सुर्खियों में हैं। गंभीर ने इंसानियत का परिचय देने के लिए सरहद भी लांघ दी।
दरअसल, गौतम गंभीर ने दिल की बीमारी से पीडित सात साल की एक पाकिस्तानी बच्ची को भारत में इलाज कराने के लिए वीजा दिलाने में मदद की है। गंभीर ने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा और मदद का अनुरोध किया था। जवाब में विदेशमंत्री एस जयशंकर में गौतम गंभीर से कहा कि उन्होंने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग को उमैयमा अली एवं उसके अभिभावकों को जरूरी वीजा देने का निर्देश दिया है। इस बारे में गंभीर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि उन्हें बच्ची की बीमारी के बारे में फोन पर पता चला थछा। इस बारे में उन्हें पूर्व पाकिस्तानी खिलाड़ी मोहम्मद यूसुफ (पहले यूसुफ योहन्ना) ने बताया था। इसके बाद उन्होंने एक अक्टूबर को बच्ची की मदद के लिए विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा।
मैं गौतम गम्भीर, एक भारतीय।
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) June 17, 2019
ना करूँ मैं चाँद का वादा,
ना बाँटू तुम को आधा-आधा।
ना जादू की छड़ी, ना कोई चिराग़,
है तो बस इरादों की झड़ी और कुछ कर गुज़रने की आग।
गेरुआ भी मेरा, हरा भी मेरा, ना किसी से बैर,
लहू था जो लाल मेरा,अब वो है तिरंगे की लहर।
मैं गौतम गम्भीर, एक भारतीय। pic.twitter.com/vX4QjdNwgc