नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली के अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन के पास फ्लाईओवर पर चलती कार में आग लगने के मामले ने सभी का दिल दहला दिया। इस हादसे में मां और दो बेटियों की मौत हो गई। घटना के वक्त कार में 5 लोग सवार थे। आग लगते ही पति उपेंद्र और एक बेटी बाहर निकलने में कामयाब रहे लेकिन पीछे बैठे परिवार के तीन लोग जिंदा जल गए। पुलिस इस मामले की जांच कर ही रही थी कि एक चौकाने वाला मोड़ सामने आया है। उपेंद्र के ससुराल वालों ने उसपर अपनी बेटी रंजना की हत्या का आरोप लगाया है। उन्होंने पुलिस को बताया कि वो तीन बेटियां होने के कारण उसके साथ मारपीट करता था।
इसके अलावा ये भी सामने आ रहा है कि जिंदा बची बेटी सिद्धि ने किसी मारचीस का जिक्र किया है। हालांकि, पुलिस अधिकारी फिलहाल आरोपों को निराधार बता रहे हैं। पुलिस उपायुक्त जसमीत सिंह का कहना है कि एफएसएल टीम ने कार की मैकेनिकल जांच की है। टीम ने शार्ट सर्किट के कारण कार में आग लगने की बात कही है। वहीं मृतक महिला के परिवार की ओर लिखित में कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है। पुलिस ने तीनों शवों को पोस्टमार्टम के बाद परिवार को सौंप दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक मूलरूप से गांव नहर मोर्चा, एटा उत्तर प्रदेश के रहने वाले उपेंद्र की शादी गांव उदयपुरा, एटा निवासी रंजना से 2004 में हुई थी। शादी के बाद दोनों लोनी के राम पार्क पर रहते थे। शादी के करीब आठ साल तक कोई बच्चा नहीं हुआ। इसके बाद तीन बेटियां हुईं। इससे उपेंद्र काफी परेशान रहता था। रंजना की मौसी बबली ने बताया कि शादी के बाद से दोनों के बीच संबंध अच्छे नहीं थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि उपेंद्र खुद इस घटना को अंजाम दिया और इसे हादसा दिखाने के लिए एक बच्ची को बचा लिया,जबकि रंजना और दोनों बच्चियों को आग में जलने दिया। इसके अलावा उपेंद्र द्वारा कार में ली गई एक सेल्फी को भी आधार बनाया जा रहा है। इसमें रंजना आगे की सीट पर बैठीं हैं, लेकिन हादसे के समय वह पिछली सीट पर थीं। रंजना के भाई बृज किशोर का आरोप है उपेद्र ने हादसे की सूचना उन्हें नहीं दी। उन्हें रिश्तेदारों से सूचना मिली। उधर, हादसे के बाद उपेंद्र गहरे सदमे में हैं। उन्होंने आरोपों से इंकार किया है।
उपेंद्र का कहना है कि कार में बोनट की तरफ से उन्हें आग नजर आई। वह कार तुरंत किनारे ले गए। आगे बैठी बेटी को वह गोद में लेकर बाहर निकल गए। इसके बाद पत्नी और दो बेटियों को बचाने के लिए दौड़े। दरवाजा खोलने की कोशिश की, लेकिन खुल नहीं पाया। पत्नी को अंदर से दरवाजा खोलने के लिए इशारा किया, लेकिन वह नहीं कर पाईं। ऑटो चालक ने शीशा तोड़ा। शरीर भारी होने के कारण वह खिड़की में फंस गईं। इसके बाद आग की लपटें उठीं और उसने पत्नी और दोनों बेटियों को अपनी जद में ले लिया। सेल्फी के बारे में उपेंद्र ने कहा कि यह कालका जी मंदिर जाते समय ली गई थी।