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मीडियाकर्मी के माता-पिता पर जानलेवा हमला,पूरे क्षेत्र में खौफ


मीडियाकर्मी के माता-पिता पर जानलेवा हमला,पूरे क्षेत्र में खौफ

देश में सुरक्षा प्रणाली का मजाक केवल गुंड़ों ने नहीं बल्कि कानून की रक्षा करने वालों ने बनाया है। अगर कार्रवाई करने का एक उदाहरण सेट किया होता तो आज हमारे देश में अपराधिक मामले का ग्राफ बढ़ने के बजाए कम होता। एक खबर सामने आ रही है बहराइच के नानपारा से जहां एक मीडियाकर्मी के माता-पिता पर गुंडों ने जानलेवा हमला किया। राधेश्याम गुप्ता (60) और रूपरानी देवी (55) के घर पर निर्माण कार्य चल रहा है।

इसी सिलसिले में घर के बाहर बाउंड्री भी बन रही थी लेकिन पास में रहने वाले राकेश, मुकेश, बाबू और लाला को ये बात पसंद नहीं आई क्योंकि उनकी नजर उस जमीन पर काफी वक्त से थी। निर्माण कार्य होता देख चारे भाई भड़क गए और उन्होंने बुजुर्ग दंपत्ति पर हमला कर दिया। गनिमत रही कि गांव वालों ने बीचबचाव किया। इसके बाद भी आरोपी नहीं मानें और राधेश्याम गुप्ता को धरसोती पुल के पास अकेला पाकर जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले में राधेश्याम का सिर फूट गया और उन्हें अंदुरुहनी चोटे आई हैं। राहगीरों को आता देख हमलावर भाग गए। राधेश्याम की एफआईआर पर पुलिस ने राकेश को गिरफ्तार कर लिया है। मीडियाकर्मी के परिवार पर हमले से पत्रकारों में रोष है।

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पुलिस से जान पहचान है तो कुछ भी करेगा आरोपी !

गांव वालों ने बताया कि राकेश मटेरा थाने में बावर्ची है और वो इसी दम पर लोगों को डराता है। इसी मटेरा थाने की धौंस पर गांव वालों से उगाही, उन्हें धमकाना, शराब पीकर महिलाओं से छेड़छाड़ और बात-बात पर लोगों की पिटाई कर चुका है। राकेश की हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि पिछले दिनों उसने गांव के पूर्व प्रधान तक को पीट दिया।

आरोपियों को बचा रही है पुलिस !

एफआईआर की कॉपी

मीडियाकर्मी दिल्ली में कार्यरत

मीडियाकर्मी प्रियांशू दिल्ली में कार्यरत हैं। वह अमर उजाला और राजस्थान पत्रिका जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ काम कर चुके हैं। इस वक्त वह न्यूज बेवसाइट ग्राउंड रिपोर्ट के लिए कॉलम लिखते हैं। उनका कहना है कि मटेरा थाने को राकेश को अपने यहां काम से हटा देना चाहिए क्योंकि उसकी सारी गतिविधियां उसी थाने के नाम पर हो रही हैं। माता-पिता के सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस ले क्योंकि राकेश कह रहा है कि वह हमेशा के लिए जेल नहीं जा रहा। बुजुर्ग दंपत्ति का बेटा प्रियांशु दिल्ली में रहते हैं। वह न्यूज बेवसाइट ग्राउंड रिपोर्ट के लिए कॉलम लिखते हैं। इससे पहले वह अमर उजाला और राजस्थान पत्रिका जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ काम कर चुके हैं।  उनका कहना है कि मटेरा थाने को राकेश को अपने यहां काम से हटा देना चाहिए क्योंकि उसकी सारी गतिविधियां उसी थाने के नाम पर हो रही हैं। माता-पिता के सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस ले क्योंकि राकेश कह रहा है कि वह हमेशा के लिए जेल नहीं जा रहा।

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