नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सांसद-विधायक कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत में पुलिस कांस्टेबल सत्यप्रकाश यादव की हत्या का मामला खारिज कर दिया गया है। इसके साथ अदालत ने योगी आदित्यनाथ की ओर उनके विपक्षी तलज अजीज पर कराए गए क्रास केस के तहत मुकदमा चलाने की मांग भी खारिज कर दी है। इस मामले में सीजेएम महराजगंज ने पहले ही परिवाद खारिज कर दिया था। दोनों पक्षों ने सीजीएम के फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल की थी।
याचिका खारिज करते हुए विशेष अदालत के न्यायाधीश पवन तिवारी ने कहा, “सीजेएम महराजगंज का आदेश विधि, तथ्यों एवं प्रक्रिया के तहत सही है, इसमें कोई त्रुटि नहीं है।”
इससे पूर्व न्यायालय में दोनों पक्षों के वकीलों ने कहा कि उन्होंने एक-दूसरे के खिलाफ गलतफहमी में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस जांच में मामला झूठा पाया गया। इसलिए निगरानी का निस्तारण कर दिया गया।
ज्ञात हो कि 20 साल पुराने इस मामले में योगी आदित्यनाथ के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था। सीबीसीआईडी ने इस मामले में फाइनल रिपोर्ट पहले ही दे दी थी, फाइनल रिपोर्ट को पिछले साल सीजेएम कोर्ट ने भी सही माना था। उसके बाद सीजेएम के आदेश को प्रयागराज की विशेष सांसद-विधायक अदालत में चुनौती दी गई थी। विशेष अदालत ने भी सीजेएम के आदेश को सही मानते हुए याचिका खारिज कर दी।
गौरतलब है कि 11 फरवरी 1999 में महराजगंज में कब्रिस्तान की एक जमीन को लेकर योगी आदित्यनाथ और तलज अजीज के बीच विवाद हुआ था। विवादित स्थल पर पेड़ लगाए गये थे, जिसे दूसरे पक्ष ने कब्रिस्तान की जमीन बताते हुए अपना दावा ठोंक दिया। इसी मामले को लेकर तलज अजीज की एक जनसभा हो रही थी। उस दौरान योगी का काफिला वहां से गुजरा और दोनों पक्षों के समर्थकों में मार-पीट हो गयी। दोनों ओर से गोलियां भी चली जिसमें तलज अजीज के गनर सत्यप्रकाश यादव की मौत हो गयी थी।