नई दिल्ली:कभी -कभी पुलिस आरोपी से ज्यादा खौफनाक हो जाती है। अक्सर अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल करते हुए पुलिस प्रशासन मानवता की सभी सीमांए पार कर लेता है।कानूनी कार्यवाही के नाम पर क्रूरता की हर हद को नाप लेने वाले कुछ ऐसे अधिकारियों के कारण ही समाज इन क्रूर रक्षकों का सम्मान करने के बजाए इनसे डरने लगता है। कानपुर में ऐसी ही एक सनसनीखेज वारदात ने समाज को पुलिस अधिकारियों की निर्ममता भरी हरकत के एक और किस्से से रूबरू कराया है। यह घटना है कानपुर की जहाँ कुछ दिनों पहले कानपुर के बिठूर क्षेत्र के भिड़ैया गांव के निर्मल की हत्या कर शव रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया गया था पुलिस ने तफ्तीश के बाद सोमवार को उन्नाव से आरोपी मोनू और सोनू को हिरासत में लिया था।
आरोप है कि मंगलवार आधी रात के बाद पुलिस ने अपराध कबूल करवाने के लिए मोनू की जमकर पिटाई की इसके बाद उसे निर्वस्त्र कर नाजुक अंगों में पेट्रोल डालकर करंट लगाया गया ।इस वजह से अचानक पेट्रोल ने आग पकड़ ली पुलिस ने किसी तरह आग बुझाई और दर्द-जलन से तड़पते मोनू को लेकर नजदीकी अस्पताल पहुंची।
जब सूचना मोनू के घर पहुंची, तो परिवार के लोगों ने थाने में आकर जोरदार हंगामा खड़ा कर दिया पूरे मामले की जानकारी पाकर कल्याणपुर के सीओ मौके पर पहुंचे। थाने के पुलिसकर्मियों ने उन्हें बताया कि मोनू ने अपने पास मौजूद माचिस से खुद आग लगा ली, जबकि अस्पताल में भर्ती मोनू ने बातचीत में पुलिस की हैवानियत बयां की। साथ ही यह भी कहा कि मीडिया के सामने कुछ बोलने पर उसका ‘एनकाउंटर’ कर दिया जाएगा।
अधिकारियों की नाराजगी और बवाल की आशंका को भांप पुलिस ने दोपहर में सोनू को भी थाने से छोड़ दिया। पुलिस मामले को इस कदर छिपाने में लगी थी कि मोनू के परिवार को इसका पता मंगलवार दोपहर तब चला, जब वे मंधना के एक प्राइवेट अस्पताल में पहुंचे यहां उसने रोते हुए परिजनों को बताया कि उसे बेरहमी से जलाया गया है। उन्होंने पुलिस की इस मनमानी के खिलाफ के जल्द से जल्द कारवाही करने का आग्रह भी किया।