नई दिल्ली: बेटियों की कामयाबी का ग्राफ दिन प्रति दिन आगे बढ़ रहा है। कोई भी नतीजे हों,बेटियों की कामयाबी खुद सुर्खियों में आ जाती है। उनकी कामयाबी समाज के उन लोगों के मुंह पर तमाचा है, जो लड़कियों को आगें बढ़ने से रोकते हैं। फाजिल्का जिले के तारेवाला गांव में एक किसान की बेटी किरनदीप कौर ने दिल्ली ज्यूडिशियल सर्विसिज में 40वां स्थान हासिल कर ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कम सिविल जज का पद हासिल करने में सफलता प्राप्त की है।
किरनदीप कौर के पिता सुरजीत सिंह और माता बलविदर कौर बेटी की कामयाबी से खासा खुश है। उन्होंने अपनी बेटी के लिए जो सपना देखा था वो आखिरकार साकार हुआ है। बेटी किरनदीप की कामयाबी क्षेत्र के युवाओं के लिए मिसाल बन गई है। किरनदीप के अलावा सुरजीत सिंह की एक बड़ी बेटी और एक छोटा बेटा भी है।
अपनी कामयाबी पर किरनदीप कौर ने कहा कि उन्होंने बस बेसिक पर ध्यान दिया। उन्हें अपने ऊपर भरोसा था। परिवार की ओर से उन्हें हमेशा सपोर्ट मिला। किरनदीप ने गुजरी पब्लिक स्कूल से अपनी शिक्षा हासिल की। इसके बाद उन्होंने पटियाला के राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ से बीए एलएलबी (लॉ) की डिग्री हासिल की।
किरनदीप ने यह भी कहा कि बेटियां भी सपने देखती हैं, समाज को उन्हें बोझ नहीं समझना चाहिए। बेटियों के पास भी हक है कि वो अपनी पहचान बना सकें और अपने माता-पिता का नाम रोशन करें। किरनदीप कौर की माता बलविदर कौर का कहना है कि बेटी में शुरू से ही काबलियत झलकती थी और हमें यकीन था कि बेटी एक दिन अवश्य आगे बढ़ेगी और अच्छा मुकाम हासिल करेगी।