नई दिल्ली: कोरोना वायरस के आतंक के बीच एक खबर ऐसी है जो करोड़ो लोगों के लिए उम्मीद की किरण लेकर आ रही है। बीमारियों की जांच के समाधान बनाने वाली पुणे की मायलैब डिस्कवरी सॉल्युशंस को अपनी कोविड-19 (कोरोना वायरस) टेस्ट किट के लिए सोमवार को वाणिज्यिक उत्पादन की अनुमति मिल गई। ऐसी अनुमति पाने वाली वह देश की पहली कंपनी बन गई है। कंपनी की ओक से जारी बयान में बताया कि कोरोना वायरस की जांच करने वाली उसकी ‘मायलैब पैथोडिटेक्ट कोविड-19 क्वॉलिटेटिव पीसीआर किट’ को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएसको) से वाणिज्यिक उत्पादन की अनुमति मिल गई है। बता दें कि मायलैब ने एक सप्ताह में 1 लाख किट तैयार करने का वादा किया है। कंपनी का दावा है कि एक किट से 100 मरीजों का टेस्ट किया जा सकता है। कोरोना का जहर दुनिया भर में फैलता ही जा रहा है। भारत में इसके संक्रमण को रोकने के लिए देश के अलग-अलग राज्यों में लॉकडाउन का ऐलान किया गया है। केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर कई तरह की कार्रवाई कर रही हैं ताकि ये महामारी और न फैले।
कंपनी के प्रबंध निदेशक हसमुख रावल का कहना है कि स्थानीय और केंद सरकार से मिले सहयोग और ‘मेक इन इंडिया’ पर जोर देते हुए उसने कोविड-19 की जांच के लिए एक किट तैयार की है। इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन और अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (सीडीसी) के दिशानिर्देशों के अनुरूप विकसित किया गया है।’ उन्होंने कहा- इसे रिकॉर्ड समय में विकसित किया गया है। कंपनी ने कहा कि कोरोना वायरस की जांच किट को स्थानीय स्तर पर बनाने से इसकी मौजूदा लागत घटकर एक चौथाई रह जाएगी।
फिलहाल निजी लैब में कोरोना वायरस टेस्ट की कीमत करीब। 4500 रुपये केंद्र सरकार द्वारा तय की गई है। लेकिन आईआईटी दिल्ली के बनाए गए नए टेस्ट किट बेहद कम दम में मिल सकते हैं। टेस्ट किट तैयार करने वाली टीम के मुताबिक, मौजूदा किट इसलिए महंगी है क्योंकि उसमें जिस प्रक्रिया और संसाधन का इस्तेमाल किया जाता है उसे तकनीकी भाषा में ‘प्रोब’ कहते है।