नई दिल्लीः भारत पाकिस्तान के बीच इस समय तनाव भरी स्थिति देखी जा रही है। पाकिस्तान से गोलीबारी का जवाब भारत हर कदम पर दे रहा है। पुलवामा हमले के बाद से हर एक भारतीय में क्रोध देखा जा रहा है। पुलवामा हमले का जवाब भारत की वायुसेना ने पाकिस्तान में घुस कर दिया, जिसके बाद पाकिस्तान वायुसेना ने भारत की नकल करते हुए अपनी वायुसेना को भेजा पर भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान को भारत से बाहर खदेड़ दिया। इस कार्रवाई में भारतीय वायुसेना के विग कमाड़ो अभिनंदन का विमान पाकिस्तान में जा गिरा जिसके कारण पाकिस्तान ने विंग कमाड़ो को गिरफ्तार कर लिया। भारत के साथ दूसरे देशों के विरोध के कारण पाकिस्तान को अभिनंदन 60 घंटों के अंदर ही छोड़ना पड़ा।
अभिनंदन की घर वापसी के बाद भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त अधिकारी कुलभूषण जाधव के मन में भी घर वापसी की आस जगी है। 29 मार्च 2016 को पाकिस्तान ने इन्हें बलूचिस्तान से गिरफ़्तार बताया, वहीं भारत सरकार का दावा है कि इनका ईरान से अपहरण हुआ है। 11अप्रैल 2017 को पाकिस्तान के मिलिट्री कोर्ट द्वारा इन्हें मौत की सजा सुनाई गयी जिसका भारतीय केंद्र सरकार व भारतीय जनता द्वारा विरोध किया गया। विरोध के चलते भारत ने जाधव के पक्ष में केस दायर किया । वही कुछ दिन पहले सुनवाई में भारत की ओर से अंतिम दलील देते हुए विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव दीपक मित्तल ने कहा, ‘सैन्य अदालत के फैसले को रद्द करें और पाकिस्तान को मौत की सजा का अनुपालन करने से रोकें। जाधव को रिहा करें और उनकी सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करें। यदि ऐसा नहीं है तो पूर्ण राजनयिक पहुंच के साथ सामान्य कानून के तहत सुनवाई का आदेश दें.’
अभिनंदन के बाद कुलभूषण के लिए एक आस जगी है। भारत ने भी कुलभूषण के लिए अपनी तरफ से पूरा जोर लगा दिया है। पर भारत सरकार के लिए एक प्रश्न बनता दिख रहा है कि अभी तक कुलभूषण के लिए कोई सख्त कदम क्यों नहीं उठाया गया ?