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भारत में जल्द आएगी सीरम इंस्टीट्यूट की कोरोना वैक्सीन, जानें क़ीमत


सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कहा है कि कंपनी इस साल दिसंबर तक ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित प्रायोगिक कोविड -19 वैक्सीन की 30 से 40 लाख खुराक का उत्पादन करने जा रही है। बता दें कि एसआइआइ दुनिया में वैक्सीन तैयार करने वाली सबसे बड़ी कंपनी है। इसने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित प्रयोगात्मक कोविड -19 वैक्सीन को बनाने के लिए बायोफर्मासिटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका(AstraZeneca) के साथ पार्टनरशिप की है।

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने कहा कि ‘कोविशिल्ड’ पहली कोविड -19 वैक्सीन है, जिसे यूके और भारत दोनों में परीक्षण सफल होने पर उन्हें लॉन्च किए जाने की उम्मीद है। वैज्ञानिकों ने सोमवार को इसके मानव परीक्षण के पहले चरण के बाद घोषणा की है कि ये संभावित कोरोना वायरस वैक्सीन अब तक सुरक्षित दिखाई दे रही है और शरीर के भीतर मजबूत इम्यूनिटी तैयार करने में कारगर है।

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सोमवार को द लांसेट मेडिकल जर्नल में प्रकाशित परीक्षण के परिणामों के अनुसार, अप्रैल और मई में ब्रिटेन के पांच अस्पतालों में 18 से 55 वर्ष की आयु के 1,000 से अधिक स्वस्थ वयस्कों को वैक्सीन की खुराक दी गई थी। वैक्सीन ने कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं दिखाया और इसकी दो खुराक प्राप्त करने वाले लोगों में अच्छी प्रतिक्रिया देखने को मिली। एस्ट्राजेनेका ने भारत में वैक्सीन के निर्माण और आपूर्ति के लिए पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट के साथ 3 अरब की संयुक्त आबादी वाले 60 से अधिक अन्य देशों के साथ समझौता किया है।

पूनवाला ने कहा है कि इस साल दिसंबर तक ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित प्रायोगिक कोविड -19 वैक्सीन की 30 से 40 लाख खुराक का उत्पादन किया जा रहा है। हम अगस्त के मध्य में बड़े पैमाने पर तैयार करेंगे। इस साल के अंत तक,  हमें 3 से 4 मिलियन खुराक का उत्पादन करने में सक्षम हैं।

अगर योजना के अनुसार हुआ तो फेज तीन का ट्रायल रोगियों को डोज देने के बाद दो महीने का समय लेगा और वैक्सीन को अंतिम मंजूरी नवंबर तक मिलेगी। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में यह वर्ष 2021 की पहली तिमाही में भी आ सकती है।

उन्होंने कहा कि यह संभावना है कि कोविड -19 वैक्सीन की केवल दो या अधिक खुराक की आवश्यकता होगी, जैसे कि खसरा और अन्य बीमारियों के लिए होता है। उन्होंने कहा, “हमें (ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका) नतीजों में बहुत कुछ मिला है और हम बहुत खुश हैं। हमें उम्मीद है कि यह काम करेगा।”

पूनावाला ने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि टीके 2021 की पहली तिमाही तक बड़ी संख्या में भारत के लोगों तक पहुंच जाएंगे। हम इसे बहुत सस्ती कीमत पर देने जा रहे हैं। हम इसे लगभग 1000 रुपये या उससे कम पर रखने की योजना बना रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि भारत के किसी भी नागरिक या किसी अन्य देश को इसके लिए भुगतान करना होगा। क्योंकि यह सरकार द्वारा खरीदा जा रहा है और मुफ्त में वितरित किया जाएगा।

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