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केवल कोरोना वायरस ने नहीं, लॉकडाउन ने भी ली लोगों की जान


कोरोना वासरस ने इंसान की ज़िन्दगी पूरी तरह से बदल के रख दी है, लोग अपने घरों में बंद रहने को मज़बूर हैं। भारत में 23 मार्च से लॉकडाउन है। लॉकडाउन होने के कारण कई लोगों की नौकरी चली गई है और वे बेरोज़गार हो गए हैं। कई प्रवासी मज़दूर पैदल ही अपने घर जाने को मज़बूर है। कोरोना का डर लोगों के दिलो दिमाग़ पर छाया हैं। 13 मई के डाटा के अनुसार भारत में कोरोना के कारण 2,552 लोगों का जान जा चुकी हैं और 78,198 लोग संक्रमित हो चुके हैं।

पर इन 2,552 लोगों के अलावा 418 लोगों की जान कोरोना से नहीं कोरोना के कारण होने वाले लॉकडाउन से गई हैं। एक रिसर्च में सामने आया है कि कई लोगों की जान कोरोना के कारण होने वाले लॉकडाउन के नुकसान और बंदी से गई हैं। आपको बता दें की सबसे ज्याद़ा 91 जान सुसाइड से गई है। प्रवासी मज़दूरों की मौतों का आकंडा है 83, भुखमरी और आर्थिक तंगी से 58 लोगों की जान गई हैं। शराब की लत से परेशान 46 लोग मर गए, और टाइम पर मेडिकल हेल्प ना मिलने से 42 लोगों की जान गई हैं। इसके अलावा पैदल चलने से और थकावट से 29 लोगों की जान गई हैं, हिंसा से 12 लोग मर गए और अज्ञात कारणों से 43 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी है।

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सबसे ज्यादा 73 मौतें यूपी में, दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र

कोरोना को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन में 11 मई तक 418 लोगों की मौत हुई है। इनमें से सबसे ज्यादा 73 मौतें उत्तर प्रदेश में हुई है। यहां मरने वाले ज्यादातर लोग या तो मजदूर थे या आर्थिक तंगी से परेशान थे।

यूपी के बाद सबसे ज्यादा 50 मौतें महाराष्ट्र में हुई है। इसका एक कारण ये भी हो सकता है कि मुंबई में प्रवासी मजदूरों की संख्या ज्यादा है। काम बंद होने के बाद ज्यादातर लोग मुंबई से अपने घर के लिए निकल पड़े थे। लेकिन, रास्ते में ही ज्यादा चलने से उनका दम टूट गया या फिर किसी हादसे का शिकार हो गए।

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