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इलाहाबाद जीतकर पिता की हार का बदला लेंगी रीता बुहुगुणा जोशी


नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ी सीट कही जाने वाली इलाहाबाद संसदीय सीट कुछ सालों से चर्चा में कम देखी जा रही थी। इस बार भाजपा ने इस सीट को फिर से चर्चाओं में शामिल कर लिया है। एक बार फिर भाजपा ने रीता बहुगुणा जोशी को टिकट देकर चर्चाओं की नींव डाली है। इलाहाबाद लोकसभा सीट से रीता का बहुत पुराना नाता रहा है। इस नाते की सबसे बड़ी वजह कांग्रेस पार्टी है।इलाहाबाद से कैबिनेट मंत्री डॉ रीता बहुगुणा जोशी मेजर भी रही है। उनके पिता हेमवती नंदन बहुगुणा ने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में इलाहाबाद संसदीय सीट से 1971 में जीत दर्ज की थी। उन्हें रिकॉर्ड 58.84 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे। उनकी मां कमला बहुगुणा ने 1977 के चुनाव में फूलपुर सीट से जीत हासिल की थी। डॉ रीता बहुगुणा ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से ही पढ़ाई की और वहीं प्रोफेसर बन गईं। 24 साल तक कांग्रेस पार्टी में रहने के बाद साल 2016 में उन्होंने बीजेपी ज्वॉइन कर ली।

इस ही सीट से एक समय में कांग्रेस ने अभिनेता अमिताभ बच्चन को लड़ा कर 1984 के चुनाव में हेमवतीनंदन बहुगुणा को हराया था, जिसके बाद से हेमवतीनंदन बुहुगुणा का राजनैतिक सफर भी समाप्त हो गया था। यही कारण है कि इस बार डॉ रीता बहुगुणा जोशी बड़ी जीत हाशिल कर अपने पिता की हार का बदला भी लेना चाहेगी।एक समय में यह सीट सबसे खास मानी जाती थी। इलाहाबाद लोकसभा सीट से डॉ रीता बहुगुणा के पिता हेमवतीनंदन बहुगुणा, मुरली मनोहर जोशी और जनेश्वर मिश्र जैसे दिग्गज नेता और अभिनेता अमिताभ बच्चन अपनी किस्मत अजमा चुके है। कांग्रेस ने अखिरी बार अमिताभ बच्चन की जीत से इहालाबाद लोकसभा चुनाव अपने नाम किया था।  

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