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मोदी सरकार की बड़ी कामयाबी, माल्या के प्रत्यर्पण पर लंदन कोर्ट ने दिया ये फैसला…


नई दिल्ली। भारतीय बैंकों का पैसा लेकर भागे शराब कारोबारी विजय माल्या के मामले में मोदी सरकार को अबतक की सबसे बड़ी कामयाबी मिली है। लंदन की कोर्ट ने माल्या के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। लंदन में कोर्ट की सुनवाई में जाने से पहले मीडिया से बातचीत में माल्या ने कहा, ‘मैंने किसी का पैसा नहीं चुराया, मैंने बैंकों का पूरा पैसा चुकाने की बात की थी। बकाया चुकाने का प्रत्यर्पण से कोई लेना-देना नहीं है।

माल्या ने पुरानी बातों को दोहराते हुए कहा कि उसने कर्नाटक हाईकोर्ट में सेटलमेंट की पेशकश की थी। माल्या ने कहा कि कोर्ट जो भी फैसला देगी, उसे उसकी लीगल टीम देखेगी, उसके बाद ही आगे का कदम उठाया जाएगा। माल्या ने कहा, ‘हमने जमा पैसे कर्मचारियों को देने के लिए कोर्ट में कई आवेदन दिए हैं। अगर कोर्ट हमारे प्रस्ताव को स्वीकार करने को तैयार है, तो मैं कर्मचारियों को भुगतान करने का इच्छुक हूं । माल्या ने कहा कि इसका मिशेल के प्रत्यर्पण से कोई लेना-देना नही है। माल्या ने दलील दी कि हर प्रत्यर्पण पर अलग होता है। किसी एक केस को दूसरे से मिलाना ठीक नहीं है। लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की कोर्ट में होने वाली इस अहम सुनवाई में शामिल होने के लिए भारत की ओर से CBI के ज्वाइंट डायरेक्टर ए साई मनोहर के नेतृत्व में सीबीआई और ईडी की टीम रविवार को ही लंदन रवाना हो गई थी।

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जानकारी के लिए बता दें कि किंगफिशर एयरलाइन्स के मालिक रहे 62 वर्षीय विजय माल्या पिछले साल अप्रैल से बेल पर हैं। अभी तक सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा इस सुनवाई में शामिल हो रहे थे, लेकिन विवाद के बाद अस्थाना से सभी अधिकार वापस लेते हुए उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया है। माल्या पर तकरीबन 9 हजार करोड़ रुपये लेकर भागने का आरोप है । इससे पहले विजय माल्या ने ट्वीट कर कहा था कि वे बैंकों का पूरा पैसा लौटाने के लिए तैयार है, लेकिन उसने कहा था कि वो मूलधन देने को तैयार हैं। बता दें कि विजय माल्या ने कहा था कि नेता और मीडिया लगातार मुझे डिफॉल्टर बताते हुए कह रहे कि मैं बैंकों का पैसा लेकर भाग गया हूं। ये सब गलत है, मेरे कर्नाटक हाईकोर्ट में सेटलमेंट के प्रस्ताव की बात क्यों नहीं की जाती।
माल्या ने कहा कि 30 साल तक किंगफिशर ने भारत में शराब का कारोबार किया। इस दौरान कई राज्यों की मदद भी की। किंगफिशर एयरलाइंस सरकार को भी भरपूर भुगतान कर रही थी, लेकिन इस शानदार एयरलाइंस का दुखद अंत हुआ। फिर भी मैं बैंकों का भुगतान करना चाहता हूं जिससे उन्हें कोई घाटा न हो. माल्या ने कहा कि प्लीज मेरा ये ऑफर स्वीकार करें।

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