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राहुल के कर्ज माफी वायदे पर पीयूष गोयल ने दिखाया आइना, बताया कर्नाटक का हाल


नई दिल्ली। कर्ज माफी के दम पर काफी हद तक मध्य प्रदेश में सत्ता में आई , कांग्रेस। चूंकि राहुल गांधी ने मंदसौर हादसे के वक्त कहा था कि उनकी सरकार आते ही महज़ 10 दिनों के अंदर किसानों को कर्ज माफ किया जाएगा। तो वहीं नतीजे आने के अगले ही दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राहुल गांधी ने नया शिगूफा छेड़ दिया कि कर्ज माफी कोई सॉल्यूशन नहीं है। मतलब कांग्रेस के सुर अभी से ही बदलने शुरू हो गए हैं।

अब बात करते हैं कांग्रेस और जेडीएस शासित राज्य कर्नाटक की। जहां भी किसानों के लिए ना सिर्फ बड़े-बड़े वायदे किए गए थे। बल्कि कांग्रेस ने लोन माफ करने के लिए करीब 44 हजार करोड़ का भारी भरकम पैकेज भी दिया है। और गौर करने वाली बात ये है कि इस बड़े ऐलान के 4 महीने बीत जाने के बाद भी अबतक राज्य में मात्र 800 किसानों का ही लोन माफ किया गया है।
ता दें कि खुद मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने भी माना है कि कुछ सौ लोगों को ही इसका फायदा मिल पाया है। को-ऑपरेशन मिनिस्टर बंदेप्पा कशेमपुर ने विधानसभा को बताया कि 5 जुलाई को मुख्यमंत्री द्वारा घोषित की गई योजना का लाभ सिर्फ 800 किसानों को मिल सका है। बता दें कि पार्टी (जनता दल सेक्युलर) के घोषणा पत्र और चुनाव से पूर्व रैलियों में कुमारस्वामी ने इस बात का वादा किया था कि वह कार्यभार संभालने के 24 घंटों के भीतर ही किसानों की कर्जमाफी कर देंगे।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर लिखा- बड़े वायदे, छोटी डिलीवरी। इसके साथ ही राहुल गांधी पर तंज भी कसा। कर्जमाफी करने में हो रही देरी के बारे में कशेमपुर ने सफाई देते हुए कहा कि सरकार किसानों से 43 लाख आवेदनों की उम्मीद कर रही थी, जिसमें 20 लाख ऐसे किसान भी शामिल थे। जिनमें से कुछ ने सहकारी तो कुछ ने राष्ट्रीयकृत बैंकों से कर्ज लिया था।
कशेमपुर ने बताया कि कमर्शल और डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल कॉपरेटिव बैंकों से सूचना मुहैया कराने के लिए कहा गया था। किसानों और बैंकों द्वारा जमा किए गए दो डेटाबेसों को फाइनल लिस्ट तैयार किए जाने से पहले क्रॉसचेक किया जाना था। जिसे ग्रीन लिस्ट कहा जाता है।

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