नई दिल्ली: जमशेदपुर की होनहार छात्रा शांभवी जायसवाल ने अपनी मेहनत, लगन और आत्मविश्वास के दम पर पूरे देश में मिसाल कायम की है। लोयोला स्कूल की छात्रा शांभवी ने आईसीएसई कक्षा 10वीं की परीक्षा में शत-प्रतिशत अंक (100%) प्राप्त कर पूरे भारत में टॉप किया है। यह उपलब्धि न सिर्फ उनके परिवार और स्कूल, बल्कि पूरे झारखंड के लिए गर्व का विषय बन गई है।

शांभवी की यह सफलता इसलिए भी खास है क्योंकि उन्होंने बिना किसी कोचिंग के पूरी तरह सेल्फ स्टडी से यह मुकाम हासिल किया है। उन्होंने हर विषय को गहराई से समझा, नियमित अभ्यास किया और समय का सर्वोत्तम उपयोग करते हुए अपनी कमजोरियों पर काम किया। वे मानती हैं कि आत्मविश्वास, अनुशासन और निरंतर परिश्रम ही सफलता की असली कुंजी है।
डॉक्टर माता-पिता की बेटी होने के कारण शांभवी का बचपन से ही शैक्षणिक वातावरण में पालन-पोषण हुआ। उनके पिता डॉ. अभिषेक जायसवाल मेहर बाई टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल में रेडियोलॉजिस्ट हैं, जबकि मां डॉ. ओजस्वी शंकर मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज में वरिष्ठ गायनोकोलॉजिस्ट और एसोसिएट प्रोफेसर हैं। पढ़ाई के दौरान उनकी मां ने न सिर्फ हर शैक्षणिक समस्या में उनका मार्गदर्शन किया, बल्कि हमेशा उनका हौसला भी बढ़ाया। शांभवी कहती हैं, “मेरी मां मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं, उन्होंने मुझे कभी हारने नहीं दिया।”
आईसीएसई का परिणाम घोषित होते ही लोयोला स्कूल में खुशी की लहर दौड़ गई। स्कूल के शिक्षकों, छात्रों और प्रबंधन ने तालियों की गूंज के साथ शांभवी का स्वागत किया। स्कूल प्रिंसिपल ने इस अवसर को लोयोला स्कूल के इतिहास का सबसे गौरवपूर्ण क्षण बताया और कहा कि शांभवी ने पूरे संस्थान का नाम रोशन किया है।
शांभवी का सपना है कि वह भविष्य में कंप्यूटर साइंस इंजीनियर बनें और तकनीकी क्षेत्र में भारत को गौरवान्वित करें। पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें पेंटिंग का भी शौक है। खाली समय में वे कैनवास पर रंगों से अपनी कल्पनाओं को जीवंत रूप देती हैं।
