National News

नई गाइडलाइन जारी : केंद्र ने राज्यों को दिया अधिकार, रात में लगा सकते हैं CURFEW…


नई दिल्ली: कोरोना वायरस फिर से पैर पसारने लगा है। देश भर से कोरोना वायरस के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इसे तीसरी लहर कहा जा रहा है। इसके अलावा शादी का सीजन भी शुरू हो गया है और इसे देखते हुए वायरस के फैलने का डर बढ़ गया है। केंद्र सरकार ने एक दिसंबर से 31 दिसंबर तक के लिए गाइडलाइन बुधवार को जारी की है। राज्य सरकार को रात में CURFEW लगाने की अनुमति केंद्र की ओर से दी गई है लेकिन कंटेनमेंट जोन के बाहर लॉकडाउन लगाने के लिए राज्यों को केंद्र सरकार से अनुमति लेनी होगी। उत्तराखंड में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। रोजाना 400 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। पर्यटक भी लगातार पहुंच रहे हैं। कोरोना वायरस के मामलों के कम होने के बाद लोगों की ओर लापरवाही भी बढ़ी है और अब कई जिलों ने सख्ता रवैया अपनाना शुरू कर दिया है। उत्तराखंड के बॉर्डर में रेंडम कोरोना सैंपलिंग भी शुरू हो गई है।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के प्राचीन मंदिरों का होगा बढ़िया प्रचार प्रसार, सतपाल महाराज ने बुलाई बैठक

केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन पर एक नजर

राज्यों को कंटेनमेंट जोन में नियमों का सख्ती से पालन कराना होगा। सर्विलांस सिस्टम को मजबूत करना होगा। सभी जिलों में बनने वाले कंटेनमेंट जोन की लिस्ट अपनी वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी। इसे हेल्थ मिनिस्ट्री से भी शेयर करना होगा। जिले की प्रशासन को केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस का पालन कराना होगा। सर्विलांस टीम घर-घर जाकर कोरोना के लक्षण वालों की पहचान करेगी। प्रोटोकाल के हिसाब से टेस्टिंग कराई जाए। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले लोगों की लिस्ट बने। उनकी पहचान कर ट्रैक किया जाए और क्वारैंटाइन किया जाए। संक्रमित व्यक्ति का तुरंत इलाज शुरू किया जाए। उसे होम आइसोलेशन में रखा जाए। जरूरत होने पर अस्पताल में भर्ती किया जाए।

Join-WhatsApp-Group

ILI और SARI केसेस को सर्विलांस किया जाए और मोबाइल यूनिट उनके संपर्क में रहें। राज्यों को छूट दी गई है कि वे अपने यहां के हालात को देखते हुए खुद से पाबंदियां लगा सकते हैं। पाबंदियां लागू करने और नियमों के पालन के लिए लोकल डिस्ट्रिक एडमिनिस्ट्रेशन और पुलिस जिम्मेदार होंगे। राज्य और यूनियन टेरिटरी को ऑफिसों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना है। जिन शहरों में वीकली 10% पॉजिटिविटी रेट है, वहां ऑफिस टाइमिंग में बदलाव और दूसरे जरूरी कदम उठाएं। सोशल डिस्टेंस के लिहाज से ऑफिस में एक समय में ज्यादा स्टाफ न हो ।

यह भी पढ़ें: बागेश्वर के पुलिस महकमे में बड़े फेरबदल, लगभग 11 दारोगाओं के बदले गए पद

To Top