हल्द्वानी: मौजूदा वक्त में अधिकतर लोग प्रेरणादायक कहानियां सुनना पसंद करते हैं। अक्सर घर के बड़े कहते हैं कि जैसा सुनोगे, देखोगे… वैसा ही बनोगे और तभी युवा सकारात्मक कहानियों की तरफ बढ़ता है ताकि उन्हें कैरियर का चुनाव करने में आसानी हो।
सपने तो हर कोई पूरा करने की कोशिश करता है। कोई डॉक्टर बनना चाहता है, कोई भारतीय सेना में अफसर बनना चाहता है तो कोई खेल के मैदान में जाकर देश का नाम रोशन करना चाहता है। वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो अपनी जिंदगी किसी और के नाम कर चुके हैं।
हल्द्वानी पंचायत घर निवासी निकिता सुयाल ने अपनी जिंदगी पशुओं के नाम कर दी है। जिस वक्त अधिकतर युवा अपना करियर बनाने का प्रयास करता है, उस उम्र में निकिता ने पढ़ाई छोड़ कर गाय व अन्य पशुओं की सेवा करने का फ़ैसला किया।
निकिता ने 4 साल पहले इसकी शुरुआत की थी, पहले तो वह छोटे जानवरों की देखभाल करती थीं लेकिन जब उन्हें लगा कि बड़े जानवरों को भी देखभाल की जरूरत पड़ती है तो उन्होंने अपने घर के समीप एक शेल्टर होम का निर्माण कराया। जहां वो बड़े जानवरों का इलाज करती हैं।
उनका आश्रय एनजीओ अब तक डेढ़ सौ से ज्यादा बड़े जानवरों को इलाज कर चुका है। निकिता बताती है कि बचपन से ही उन्हें पशुओं से प्यार रहा है। उनका बचपन पशुओं के बीच में ही बिता। वो जब भी कुछ सोचती थी तो सबसे पहले जानवरों की मदद का ख्याल उन्हें आता था। उन्होंने बताया कि एनजीओ में बड़े पशुओं का इलाज करवाया जाता है। कई जानवर तो ऐसे हैं जिन्हें वह दूसरे शहर से लाई हैं। वह पशुओं की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। उनकी मां ने उन्हें इस दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया है तो वही पूरा परिवार भी उनकी ऊर्जा को बढ़ाने का काम कर रहा हैं