
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में आयोजित उत्तराखंड कैबिनेट की अहम बैठक में कुल छह प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। ये फैसले न सिर्फ राज्य के ऊर्जा और बुनियादी ढांचे को मजबूती देंगे…बल्कि प्रशासनिक सुधारों की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होंगे।
बैठक में सबसे महत्वपूर्ण निर्णय राज्य की जियो थर्मल ऊर्जा नीति को लेकर लिया गया। इस नीति को अब कैबिनेट की स्वीकृति मिल गई है। सरकार का मानना है कि इससे प्रदेश में वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों का विकास होगा और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर मजबूती से कदम बढ़ाए जाएंगे।
पुल निर्माण कार्यों की निगरानी और प्रबंधन को अधिक प्रभावी बनाने के लिए सरकार ने प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (PMU) के गठन को भी हरी झंडी दे दी है। इसका उद्देश्य निर्माणाधीन और प्रस्तावित पुलों की गुणवत्ता, समयबद्धता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।
सरकार ने दो प्रमुख विभागों….सतर्कता और जीएसटी विभाग में पदों की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया है। सतर्कता विभाग में 20 नए पद सृजित किए गए हैं, जिससे अब विभाग में कुल पदों की संख्या 132 से बढ़कर 156 हो गई है। इसी तरह जीएसटी विभाग में भी पदों की संख्या बढ़ाई गयी है…ताकि कर संग्रहण और निगरानी व्यवस्था को और बेहतर किया जा सके।
कैबिनेट ने जिला और राज्य स्तर पर खनन न्यास के गठन को भी मंजूरी दी है। इससे खनन कार्यों में पारदर्शिता आएगी और नए खनिजों के विकास के लिए दिशा तय की जा सकेगी।
सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन योजना में भी अहम संशोधन किया है। अब यदि किसी लाभार्थी का पुत्र 18 वर्ष का हो जाता है…तो इस कारण उसकी पेंशन बंद नहीं होगी। इससे हजारों वृद्धजन लाभान्वित होंगे और उन्हें अनावश्यक पेंशन कटौती से राहत मिलेगी।
