Pithoragarh News

उत्तराखंड के अखिलेश ने की अनोखी खोज, अब सोच से चार्ज होगी स्कूटी

Pro. Akhilesh Singh
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पिथौरागढ़: आप सोचें कि आपकी इलेक्ट्रिक स्कूटी या कार जल्दी चार्ज हो जाए…और कुछ ही पलों में वो सच में चार्ज होने लगे। ये किसी फिल्मी सीन जैसा लगता है लेकिन अब ये हकीकत बन चुका है। उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ के सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज में देश के जाने-माने वैज्ञानिक प्रो. अखिलेश सिंह ने एक अनोखा और देश का पहला “न्यूरो स्लाइडिंग मोड कंट्रोलर चार्जर” (Neuro Sliding Mode Controller Charger) तैयार किया है…जो आपकी सौंच के मुताबिक इलेक्ट्रिक वाहन की बैटरी को चार्ज करेगा।

इस चार्जर की सबसे खास बात है माइंड कमांड से बैटरी चार्जिंग। प्रो. अखिलेश बताते हैं कि इस तकनीक की प्रेरणा उन्हें एक मोबाइल रील से मिली। जैसे AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आपकी रुचि पहचान कर वही कंटेंट दिखाता है, वैसे ही यह चार्जर भी आपके दिमाग की न्यूरल एक्टिविटी को पढ़कर बैटरी चार्जिंग को कंट्रोल करता है।

इस डिवाइस को बनाने में उन्हें लगातार तीन साल लगे। इस दौरान भारत सरकार ने उनके प्रोजेक्ट को आर्थिक मदद भी दी। अब यह तकनीक अमेरिका से पेटेंट होने जा रही है और प्रो. अखिलेश इसे देश को समर्पित करने वाले हैं। किसी भी वाहन के लिए  स्कूटी से बस तक,  चार्जर का वजन लगभग 20 किलो है। यह स्कूटी, कार, बस, ई-रिक्शा समेत हर तरह के EV (Electric Vehicle) की बैटरी को तेजी से चार्ज कर सकता है। खास बात ये है कि ढलान या अधिक लोड पड़ने पर भी बैटरी की पावर में गिरावट नहीं आती। यह डिवाइस लीथियम आयन (Lithium-ion) और लेड-एसिड (Lead-acid) दोनों प्रकार की बैटरियों के साथ काम करता है। सीमांत जैसे दूरस्थ इलाके से निकलकर प्रो. अखिलेश ने यह साबित कर दिया है कि इनोवेशन केवल बड़े शहरों की बपौती नहीं है। उनकी उपलब्धि ना सिर्फ उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है।

प्रो. अखिलेश सिंह कहते है कि AI आधारित न्यूरॉन रीडिंग तकनीक पर आधारित यह चार्जर अब रियलिटी बन चुका है। जल्द ही यह स्कूटी से लेकर बस तक हर EV में इस्तेमाल होगा।

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