देहरादून: हॉकी टीम में जब वंदना कटारिया चुनी गई थी तो किसी ने सोचा नहीं था कि हरिद्वार की ये लड़की इतिहास रचकर लौटेगी। टोक्यो ओलंपिक में टीम सेमीफाइनल तक पहुंची और वंदना ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ हैट्रिक जमाकर इतिहास रच दिया। वह ऐसा करने वाली पहली खिलाड़ी बनी। इसके बाद हरिद्वार की ये लड़की पूरे देश में छा गई है। वंदना बुधवार को उत्तराखंड पहुंच गई है। वह लंबे वक्त बाद अपने घर पहुंची। वंदना का जोरदार तरीके से स्वागत किया गया। वंदना की कामयाबी के बाद उन्हें तरह तरह के इनाम दिए जा रहे हैं।
वहीं वंदना के टोक्यो में किए कमाल ने उनके गांव वालों की परेशानी हल कर दी। चैंपियन वंदना कटारिया के खुद के घर की आसपास की हालत बिल्कुल अच्छी नहीं है। उनके कॉलोनी में जगह-जगह गड्ढे एवं जलभराव की समस्या है जो कुछ दिन पहले शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे की नजरों में आई है। रविवार को मंत्री उनके घर पहुंचे थे और उन्होंने इसके बाद सड़क निर्माण के आदेश संबंधित विभाग को दिए हैं। ग्राम पंचायत ने मंगलवार को कार्यवाही शुरू कर दी है। सड़क का निर्माणकार्य जिला पंचायत बजट से किया जाएगा। यह सड़क लंबे वक्त से परेशानी का विषय बनी हुई है ये हम नही वंदना का पुराना बयान बोल रहा है। स्पोर्ट्स स्टेडियम रौशनाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान यह कहा था कि उनके घर के पास की सड़कों की हालत को देखते हुए वे अपने दोस्तों को अपने घर बुलाने से हिचकिचाती हैं।
इस बारे में जैसे ही खबर सामने आई है लोग अपनी प्रतिक्रियां दे रहे हैं। उनका कहना है कि प्रशासन व सरकारें वक्त रहते आम व्यक्ति की परेशानी को समझती नहीं है। जब उन्हें अपनी तस्वीर को साफ करना होता है तो वह आगे आते हैं। वंदना जब तक एक सामान्य खिलाड़ी थी, उनके क्षेत्र की परेशानी किसी को नहीं दिखी लेकिन जब वह एक मशहूर हस्ती बन गई हैं तो ये चीज हो रही है। किसी ने सही कहा है कि चैंपियन छाया में नहीं बल्कि धूप में तपकर उभरकर सामने आते हैं।
दरअसल रविवार रविवार को प्रदेश के शिक्षा व खेल मंत्री अरविंद पांडे जब उनके परिजनों से मिलने पहुंचे तो गड्ढों के चलते सड़क पर उनकी गाड़ी आगे नहीं बढ़ पाई। लगभग तालाब की शक्ल ले चुकी सड़क पर उन्हें करीब 200 मीटर पैदल चलना पड़ा। हरिद्वार के रोशनाबाद स्थित उनके घर तक पहुंचने के लिए सड़क न सिर्फ बेहद खस्ताहाल है बल्कि खतरनाक बन गई है। यह देखकर मंत्री ने तुरंत आदेश जारी किए।