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आईपीएल खेलते हुए बेटे को टीवी पर देख आ गए मां-बाप की आंखों में आंसू


नई दिल्ली: आज के वक्त पर क्रिकेटर बनना सबसे चुनौतीपूर्ण है। भारत में क्रिकेट को धर्म की तरह पूजा जाता है। यही कारण है कि हर घर का बच्चा सबसे पहले क्रिकेटर बनने के ख्वाब देखता है। भारत की जनसंख्या 125 करोड़ है और केवल 15 खिलाड़ियों को टीम का हिस्सा बनने का मौका मिलता है। आईपीएल का जन्म युवा खिलाड़ियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। वो अपनी प्रतिभा दुनिया की सबसे बड़ी लीग में दिखाकर भारतीय टीम का हिस्सा बनने के सपने को मजबूत कर सकते है।

आज हम एक ऐसे खिलाड़ी की कहानी बताने जा रहे है जिसके पिता घर-घर जाकर सिलेंडर बेचते हैं और बेटा देश के लिए खेलने का सपना देख रहा है। उसे आईपीएल का टिकट मिला है तो परिवार भी खुश है। रिंकू सिंह और उनके परिवार की कहानी किसी संघर्ष से कम नहीं है क्योंकि हम एक ऐसे समाज में रहते है जहां कामयाबी का मतलब सैटिंग से लगा लिया जाता है। रिंकू को आईपीएल-11 में कोलकाता नाईट राइडर्स ने 80 लाख रुपए में लिया। उन्हें आरसीबी के खिलाफ खेलने का भी मौका मिला। परिवार को इसी दिन का तो इंतजार था।

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बेटे तो टीवी पर देखा तो आंसू रुक नहीं पाए। ये खुशी के आंसू थे जिसने अपने बेटे के क्रिकेटर बनने के लिए हर संभव परिश्रम किया। बता दें रिंकू उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से हैं।  रिंकू के पिता खानचंद्र सिंह लोगों के घरों में जा कर एलपीजी सिलिंडर की डिलीवरी करते हैं।  रिंकू को पिछले साल आईपीएल सीजन 10 में किंग्स इलेविन पंजाब की टीम ने 10 लाख में खरीदा था। इस बार रिंकू ने अपनी बेस प्राइज बढ़ाकर 20 लाख रुपए कर दी थी।

आरसीबी और केकेआर के बीच हुए मैच में रिंकू को कप्तान दिनेश कार्तिक ने मौका दिया। रिंकू के परिवार के लिए ये पल भावना से भरा रहा। पूरा परिवार अपने रिंकू को टीवी पर देख रहा था।  रिंकू ने बल्लेबाजी में केवल 6 रन बनाए लेकिन उनकी फिल्डिंग ने पूरे परिवार समते जिले को अपनी लिए ताल्लिया बजाने के लिए मजबूर किया।

 

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