हल्द्वानी: सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाओं पर पहले ही कम बट्टे नहीं लगे हुए हैं कि आए दिन लापरवाही के नए मामले सामने आते रहते हैं। एक और मामला हल्द्वानी के बेस अस्पताल से सामने आया है। यहां डायलिसिस के बाद घर जा रहे मरीज की तबीयत खराब हुई तो वह एक घंटे तक गेट पर तड़पता रहा। किसी के ध्यान ना देने के कारण मरीज ने दम तोड़ दिया।
जानकारी के अनुसार बेस अस्पताल में पहाड़ों से व दूरगामी इलाकों से मरीज आते हैं। सरकारी अस्पताल होने के नाते आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों की आवाजाही अस्पताल में ज्यादा रहती है। सितारगंज निवासी कमल मंडल अक्सर बेस अस्पताल में डायलिसिस कराने पहुंचता था।
ऐसे में मंगलवार को वह डायलिसिस कराने के बाद बाहर जाने को हुआ तो तबीयत बिगड़ गई। जिस कारण वह अस्पताल के गेट के पास ही बैठ गया। तबीयत इतनी बिगड़ी कि उसने वहीं पर दम तोड़ दिया। आरोप है कि पास में ही इमरजेंसी होने के बावजूद उसे एक-डेढ़ घंटे तक कोई देखने नहीं पहुंचा। ना ही उसे भर्ती किया गया।
दरअसल सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल में समय-समय पर लापरवाही के मामले सामने आते रहते हैं। ये पहली बार नहीं है जब एक व्यक्ति ने अस्पताल के मुख्य गेट पर दम तोड़ा है। खैर इतने में वहां कांग्रेस जिला महामंत्री हेमंत साहू पहुंच गए। थोड़ा बहुत हल्ला हुआ तो बात आग की तरह शहर में फैल गई।
इसके बाद हेमंत साहू व समर्थकों के साथ मृतक के परिजनों व स्थानीय लोगों ने देर शाम अस्पताल में हंगामा किया। बता दें कि कांग्रेस के हेमंत साहू ने सिटी मजिस्ट्रेट को भी इस लापरवाही की घटना से अवगत करा दिया है। साथ ही अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि डायलिसिस व्यवस्थाओं को दुरस्त करना चाहिए।
डायलिसिस कंपनी का टेंडर तत्काल निरस्त करने की मांग के साथ प्रदर्शनकारियों ने स्टाफ पर भी सवाल खड़े किए। बता दें कि आधे घंटे बाद मौके पर पुलिस पहुंची। साथ ही शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया। पीएमएस डॉ. हरीश लाल का कहना है कि मामले की जानकारी मिली है। जानकारी देर से मिलने के कारण शव कुछ देर तक अस्पताल के गेट पर ही पड़ा रहा।