
Haldwani:Physiotherapy: Dr Deepak Mer: आज की भागदौड़ भरी और तनावपूर्ण जीवनशैली ने लोगों की सेहत पर गहरा असर डाला है। लंबे समय तक एक ही जगह बैठकर काम करना, मोबाइल-लैपटॉप का अत्यधिक इस्तेमाल और गलत बॉडी पोज़िशन के कारण कमर दर्द और सर्वाइकल की समस्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में ज़्यादातर लोग तात्कालिक राहत के लिए दवाइयों का सहारा लेते हैं, लेकिन यह आराम कुछ समय के लिए ही होता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि दर्द से स्थायी राहत का एकमात्र सुरक्षित और प्रभावी तरीका फिजियोथेरेपी है। मेर फ़िजियोथेरेपी सेंटर के संचालक और अनुभवी फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. दीपक मेर बताते हैं कि सही व्यायाम, मशीन थैरेपी और नियमित देखरेख से न सिर्फ़ दर्द का उपचार संभव है, बल्कि मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी को मजबूती भी मिलती है। कई मरीजों ने अनुभव साझा किया कि उनकी तकलीफ़ कम समय में ही दूर हुई और जीवन फिर से सहज और सामान्य हो गया।
घुटनों के दर्द का स्थायी इलाज
बढ़ती उम्र, मोटापा, चोट या गलत आदतें—इन सबकी वजह से आज घुटनों का दर्द आम हो गया है। अक्सर लोग दवाइयों और इंजेक्शन से अस्थायी राहत तो पा लेते हैं, लेकिन दर्द फिर लौट आता है। इस पर डॉ. मेर कहते हैं कि “फिजियोथेरेपी ही ऐसा तरीका है जो दर्द की जड़ पर काम करता है और घुटनों को मजबूत बनाता है।” आधुनिक मशीन थैरेपी जैसे अल्ट्रासाउंड और आईएफटी की मदद से मरीज बिना सर्जरी के बेहतर परिणाम पा सकते हैं। कई मरीज बताते हैं कि सही गाइडेंस से उन्हें चलने-फिरने में आसानी हुई और उनका जीवन फिर से सक्रिय हो गया।
लकवे के मरीजों के लिए उम्मीद की किरण
स्ट्रोक यानी लकवा ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर का आधा हिस्सा कमजोर हो जाता है या काम करना बंद कर देता है। दवाइयाँ इलाज का एक हिस्सा भर हैं, लेकिन असली रिकवरी फिजियोथेरेपी से होती है। डॉ. मेर के अनुसार, “लकवे के मरीज जितनी जल्दी फिजियोथेरेपी शुरू करते हैं, उतनी जल्दी उनके अंगों में दोबारा हरकत आने लगती है।” नियमित एक्सरसाइज, मशीन थैरेपी और सही तकनीक की मदद से मरीज धीरे-धीरे चलने, बोलने और रोज़मर्रा के काम करने लगते हैं। कई परिवारों ने अनुभव किया है कि डॉ. मेर की देखरेख में लकवे के मरीजों की ज़िंदगी फिर से पटरी पर लौट आई है।
15 साल का अनुभव, सैकड़ों मरीजों का विश्वास
डॉ. दीपक मेर बीते 15 वर्षों से हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों में मरीजों की सेवा कर रहे हैं। वह मेहता चेरिटेबल हॉस्पिटल, ऊना (हिमाचल प्रदेश) में फिजियोथेरेपिस्ट रह चुके हैं। आज उनका मेर फ़िजियोथेरेपी सेंटर, तल्ली हल्द्वानी गौजाजाली में हर उम्र के मरीजों के लिए राहत का केंद्र बन चुका है।
डॉ. मेर का मानना है कि दवाइयों पर लंबे समय तक निर्भर रहने के बजाय लोगों को आधुनिक फिजियोथेरेपी को अपनाना चाहिए। यह न केवल सुरक्षित है, बल्कि स्थायी और वैज्ञानिक उपचार भी है। संपर्क के लिए डायल करें 9720408228 या विजिट करें मेर फ़िजियोथेरेपी सेंटर, तल्ली हल्द्वानी, बरेली रोड निकट हरियाल सर्विस सेंटर






